नोवाक जोकोविच

विंबलडन 2025: जोकोविच ने इवांस को हराकर तीसरे दौर में बनाई जगह,99वीं जीत के साथ फेडरर का रिकॉर्ड तोड़ा

लंदन,4 जुलाई (युआईटीवी)- विंबलडन के प्रतिष्ठित सेंटर कोर्ट पर गुरुवार को टेनिस प्रेमियों को एक बार फिर नोवाक जोकोविच का जादू देखने को मिला,जब 24 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता ने ब्रिटेन के डेनियल इवांस को सीधे सेटों में 6-3,6-2, 6-0 से मात देकर पुरुष एकल के तीसरे दौर में प्रवेश किया। यह जीत न केवल खेल के लिहाज से खास रही,बल्कि रिकॉर्ड के मोर्चे पर भी ऐतिहासिक बन गई,क्योंकि इस मुकाबले के साथ जोकोविच ने विंबलडन में अपनी 99वीं जीत दर्ज कर ली और ओपन एरा में पुरुष एकल में सर्वाधिक तीसरे दौर में प्रवेश (19 बार) के मामले में रोजर फेडरर को पीछे छोड़ दिया।

इस मुकाबले की एक और खास बात यह थी कि इवांस ने साल 2021 के मोंटे कार्लो मास्टर्स में जोकोविच को आश्चर्यजनक रूप से सीधे सेटों में हराया था। तब यह हार टेनिस जगत में एक बड़ा उलटफेर मानी गई थी। इसके बाद यह पहली बार था,जब दोनों खिलाड़ी आमने-सामने आए,लेकिन इस बार जोकोविच ने कोई चूक नहीं की और इवांस को तीन सेटों में केवल नौ अंक लेने दिए,जिससे यह साफ हो गया कि वह हर हाल में पिछली हार का बदला चुकता करने के लिए तैयार थे।

मुकाबला महज 1 घंटा 47 मिनट चला और जोकोविच ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। पहले सेट में उन्होंने इवांस को 6-3 से हराया और फिर अगले दो सेटों में इवांस की पूरी रणनीति को ध्वस्त करते हुए क्रमशः 6-2 और 6-0 से मुकाबला अपने नाम किया।

इस मैच का सबसे बड़ा आकर्षण रहा जोकोविच का 46 विनर शॉट्स,जो उनकी सटीकता और कौशल को दर्शाते हैं। उन्होंने मैच के दौरान हर मौके का फायदा उठाया और घरेलू खिलाड़ी पर लगातार दबाव बनाए रखा।

मैच के बाद जब जोकोविच से कोर्ट पर उनके प्रदर्शन और रिकॉर्ड को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हर कोई जानता था कि आज कोर्ट पर एक खास माहौल होने वाला है। ब्रिटेन में किसी ब्रिटिश खिलाड़ी का सामना करना कभी आसान नहीं होता। डेनियल इवांस एक अच्छे क्वालिटी के खिलाड़ी हैं,उनके पास बहुत प्रतिभा है,लेकिन मैंने आज अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया।”

विंबलडन के तीसरे दौर में 19वीं बार प्रवेश करने के रिकॉर्ड पर उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा,“इसका मतलब है कि मैं काफी लंबे समय से खेल रहा हूँ। उन्नीस बार, यह एक शानदार आँकड़ा है। यह शायद यानिक सिनर और कार्लोस अल्काराज के जीवन के वर्षों के बराबर है!”

विंबलडन को लेकर अपने जुड़ाव पर उन्होंने कहा,“यह टूर्नामेंट मेरे दिल के सबसे करीब है। बचपन से मैंने सपना देखा था कि एक दिन विंबलडन जीतूं। यहाँ जो भी इतिहास रचा जाता है,वह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।”

जोकोविच अब विंबलडन में अपनी 100वीं जीत से केवल एक कदम दूर हैं। उनका अगला मुकाबला सर्बिया के ही मिओमिर केकमैनोविच से होगा,जिन्होंने दिन की शुरुआत में चार सेटों में जेस्पर डी जोंग को हराकर तीसरे दौर में जगह बनाई।

अगर जोकोविच यह मुकाबला जीतते हैं, तो वे विंबलडन में 100 जीत दर्ज करने वाले चंद चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो जाएँगे,जो उनके करियर का एक और ऐतिहासिक अध्याय होगा।

38 की उम्र में भी कोर्ट पर उनकी फुर्ती,रणनीति और मानसिक मजबूती शानदार है।
हर मैच के साथ एक नया रिकॉर्ड उनके नाम जुड़ रहा है और विंबलडन के प्रति उनके लगाव उन्हें और इस ओर प्रेरित करता है।

नोवाक जोकोविच की यह जीत सिर्फ तीसरे दौर में पहुँचने भर की बात नहीं है,बल्कि यह उनकी निरंतरता,मानसिक ताकत और खेल के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इवांस को पूरी तरह से पछाड़ना और कोर्ट पर एकतरफा मुकाबले में जीत हासिल करना इस बात का सबूत है कि जोकोविच अभी भी विश्व टेनिस के शिखर पर मजबूती से कायम हैं।

अब जब वह 100वीं विंबलडन जीत के बेहद करीब हैं,पूरी दुनिया की निगाहें उनके अगले मैच पर टिकी हैं। क्या वह इस ऐतिहासिक पड़ाव को पार करेंगे? यह देखने के लिए अगला मुकाबला जरूर रोमांच से भरपूर होगा।