नई दिल्ली,11 जून (युआईटीवी)- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2025 का फाइनल मुकाबला बुधवार से क्रिकेट के ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स में खेला जाएगा, जिसमें दो बड़ी टीमें ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने होंगी। यह मैच न सिर्फ टेस्ट क्रिकेट की सर्वोच्चता का प्रतीक होगा,बल्कि दो मजबूत और परंपरागत टीमों के बीच संघर्ष का गवाह भी बनेगा।
लॉर्ड्स का मैदान टेस्ट क्रिकेट की “मक्का” के रूप में जाना जाता है और इस ऐतिहासिक वेन्यू पर खेलने का सपना हर खिलाड़ी देखता है। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीमों ने इस मैदान पर शानदार प्रदर्शन किया है।
ऑस्ट्रेलिया ने साल 2000 के बाद से लॉर्ड्स में कुल आठ टेस्ट मैच खेले हैं,जिसमें से पाँच मैचों में जीत दर्ज की,दो में हार झेलनी पड़ी और एक मुकाबला ड्रॉ रहा। यह रिकॉर्ड उनकी स्थिरता और दबदबे को दर्शाता है।
ऑस्ट्रेलिया ने जुलाई 2001में इंग्लैंड पर 8 विकेट से जीत दर्ज की और पुनः जुलाई 2005 इंग्लैंड को 239 रन से हराया।
वहीं इंग्लैंड ने जुलाई 2009 में ऑस्ट्रेलिया को 115 रन से हराया।
ऑस्ट्रेलिया ने ने जुलाई 2010 में पाकिस्तान को 150 रन से हराया और जुलाई 2013 में इंग्लैंड को 347 रन से रौंदा।
ऑस्ट्रेलिया ने जुलाई 2015 में इंग्लैंड पर 405 रन से भारी जीत हासिल की,अगस्त 2019 में इंग्लैंड से मुकाबला ड्रॉ किया और जुलाई 2023 में इंग्लैंड को 43 रन से हराया।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को लगातार मात दी है और जब-जब वह इस मैदान पर उतरी है,उसने अपना लोहा मनवाया है।
वहीं दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका का भी इस मैदान पर अच्छा प्रदर्शन रहा है। हालाँकि,मैचों की संख्या ऑस्ट्रेलिया से कम है। साल 2000 से अब तक दक्षिण अफ्रीका ने लॉर्ड्स में पाँच टेस्ट मैच खेले हैं,जिनमें से तीन में जीत,एक में हार और एक ड्रॉ रहा है।
इससे साफ है कि भले ही दक्षिण अफ्रीका के लॉर्ड्स में खेलने के मौके कम रहे हों, लेकिन जब भी वे यहाँ खेले हैं,उन्होंने प्रभावित किया है।
अगर दोनों टीमों के बीच टेस्ट फॉर्मेट में हेड-टू-हेड आँकड़ों की बात करें,तो दोनों टीमें अब तक कुल 101 बार आमने-सामने हो चुकी हैं,जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 54 जीत हासिल किया है,तो दक्षिण अफ्रीका ने 26 जीत दर्ज की है,जबकि 21 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।
इन आँकड़ों से स्पष्ट होता है कि ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा है,लेकिन पिछले एक दशक में दक्षिण अफ्रीका ने कई बार ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसकी सरजमीं पर भी हराया है,जो यह दर्शाता है कि दक्षिण अफ्रीका अब कमजोर कड़ी नहीं रही।
ऑस्ट्रेलिया जहाँ लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रही है,वहीं दक्षिण अफ्रीका ने भी पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में एक नया आत्मविश्वास दिखाया है। उनके तेज गेंदबाजों का आक्रमण और बल्लेबाजी की स्थिरता उन्हें खतरनाक बनाती है।
लॉर्ड्स की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों को मदद देती है,ऐसे में पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क,जोश हेजलवुड (ऑस्ट्रेलिया) और कगिसो रबाडा,एनरिच नॉर्खिया, मार्को यानसेन (दक्षिण अफ्रीका) जैसे गेंदबाजों की भिड़ंत देखने लायक होगी।
बल्लेबाजी में स्टीव स्मिथ,मार्नस लाबुशेन,डेविड वॉर्नर और ट्रैविस हेड की ऑस्ट्रेलियाई लाइनअप मजबूत है,तो वहीं दक्षिण अफ्रीका के पास डीन एल्गर,एडन मार्करम,टेम्बा बावुमा और काइल वेरिन जैसे खिलाड़ी हैं,जो बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं।
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीमें लॉर्ड्स में जीत के लिए प्रबल दावेदार हैं। जहाँ ऑस्ट्रेलिया के पास अनुभव,रिकॉर्ड और निरंतरता है,वहीं दक्षिण अफ्रीका के पास तेज गेंदबाजी की धार और हालिया सुधार का आत्मविश्वास है। यह मुकाबला महज दो टीमों के बीच नहीं,बल्कि टेस्ट क्रिकेट की श्रेष्ठता और प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का यह फाइनल क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा। लॉर्ड्स के मैदान पर दोनों टीमों की ऐतिहासिक जीतें,बेहतरीन आँकडे और खिलाड़ियों के फॉर्म यह दर्शाते हैं कि मुकाबला बेहद कड़ा,प्रतिस्पर्धी और ऐतिहासिक होने वाला है। कौन बनेगा टेस्ट क्रिकेट का असली चैंपियन इसका फैसला कुछ ही दिनों में क्रिकेट की सबसे पवित्र ज़मीन लॉर्ड्स के मैदान पर होगा।