वाशिंगटन,25 अप्रैल (युआईटीवी)- जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद,एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने क्षेत्रीय अस्थिरता में पाकिस्तान की भूमिका की तीखी आलोचना करते हुए कहा, “आप सुअर पर लिपस्टिक लगा सकते हैं, लेकिन वह फिर भी सुअर ही रहेगा।” यह टिप्पणी इस धारणा को रेखांकित करती है कि पाकिस्तान की कार्रवाइयाँ,किसी भी दिखावटी बदलाव के बावजूद,आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखती हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने लगातार ऐसे हमलों की निंदा की है और पाकिस्तान से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने का आग्रह किया है। व्हाइट हाउस के 2019 के एक बयान में पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों के लिए समर्थन बंद करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था,जिसने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी,जिसमें 44 भारतीय सीआरपीएफ जवान मारे गए थे। अमेरिका ने पाकिस्तान से अपनी धरती से संचालित आतंकवादी समूहों के लिए अपना समर्थन “तुरंत बंद” करने का आह्वान किया।
इसके अलावा, 2024 की एक अमेरिकी रिपोर्ट में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नेताओं मसूद अजहर और साजिद मीर जैसे प्रमुख लोगों पर मुकदमा चलाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान कुछ क्षेत्रीय रूप से केंद्रित आतंकवादी समूहों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में काम करना जारी रखता है।
ये घटनाक्रम आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव के बारे में जारी चिंताओं को उजागर करते हैं।