मंत्रिमंडल ने गुरबाणी प्रसारण सभी के लिए मुफ्त करने को अधिनियम में संशोधन को दी मंजूरी

मंत्रिमंडल ने गुरबाणी प्रसारण सभी के लिए मुफ्त करने को अधिनियम में संशोधन को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 19 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- पंजाब सरकार ने सोमवार को स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का प्रसारण ‘सभी के लिए मुफ्त’ करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन को मंजूरी दे दी। मंगलवार को चर्चा और पारित करने के लिए विधेयक को विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गुरबाणी का प्रसारण करने का संकल्प एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिसका उद्देश्य अमृतसर में श्री हरमंदर साहिब से पवित्र गुरबाणी का फ्री-टू-एयर प्रसारण सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा संशोधन अधिनियम 2023 के अनुसार, गुरबाणी का प्रसारण भारत और विदेशों में फ्री-टू-एयर होगा। उन्होंने कहा कि प्रसारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि गुरबाणी के वीडियो या ऑडियो प्रसारण के आधे घंटे पहले और बाद में कोई विज्ञापन प्रसारित न हो।

एसजीपीसी के इस आरोप पर कि राज्य सरकार को 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है, मान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि यह एक अंतर-राज्य अधिनियम नहीं, बल्कि एक राज्य अधिनियम है।

उन्होंने कहा कि 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में गुरबाणी के प्रसारण पर कोई शब्द नहीं है।

उन्होंने कहा कि 2012 में बादल परिवार के स्वामित्व वाले एक टीवी चैनल को 11 साल के लिए गुरबाणी प्रसारित करने के विशेष अधिकार देने के लिए इसका दुरुपयोग किया गया था।

उन्होंने कहा, नतीजतन, सिखों को इस चैनल की सदस्यता लेनी पड़ती है, जो महंगा है, क्योंकि इसे तीन से चार अन्य चैनलों के साथ जोड़ा जाता है। यह मुफ्त होना चाहिए।

मान ने कहा कि अब एसजीपीसी गुरबाणी के प्रसारण के लिए टेंडर जारी करने की बात कर रही है, लेकिन बादल परिवार को फिर से टेंडर के माध्यम से विशेष अधिकार मिल सकते हैं।

कैबिनेट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, यह (गुरुद्वारा अधिनियम) केवल केंद्र द्वारा संशोधित किया जा सकता है,पंजाब सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *