भजन लाल शर्मा (तस्वीर क्रेडिट जोशीप्रल्हाद "एक्स")

15 मिनट में तय हुआ राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का नाम, घोषणा होते ही बैठक में छाया सन्नाटा

जयपुर,13 दिसंबर (युआईटीवी)- 15 मिनट में भजन लाल शर्मा का नाम राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में तय कर लिया गया। यह ऐलान अप्रत्याशित था। जैसे ही उनके नाम की घोषणा की गई बैठक में सन्नाटा छा गया। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर पहुँचे थे। वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भजन लाल शर्मा का नाम प्रस्तावित किया। उसके बाद विधायकों से राजनाथ सिंह ने पूछा कि यदि कोई और नाम हो तो विधायक बता सकते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि भजन लाल शर्मा का नाम प्रस्तावित करने का फैसला आलाकमान का था। जिसके बाद किसी भी विधायक ने कोई और नाम का सुझाव नहीं दिया और नए मुख्यमंत्री का फैसला महज 15 मिनट में हो गया। सूत्रों के अनुसार,भजन लाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय पहले ही दिल्ली में तय हो चुका था और एक सीलबंद लिफाफा पर्यवेक्षकों को दिया गया था। इस लिफाफा को विधायक दल की बैठक में खोला गया। वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी से राजनाथ सिंह ने विधायक दल की बैठक से पूर्व एक होटल में बातचीत की थी।

जैसे ही बैठक शुरू हुई वसुंधरा राजे को राजनाथ सिंह ने एक पर्ची दी। उस पर्ची में नए मुख्यमंत्री का नाम लिखा था। जिसका प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने बैठक में रखा। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी यही पैटर्न अपनाया गया। सूत्रों की माने तो राजनाथ सिंह को आलाकमान की ओर से निर्देश था कि वसुंधरा राजे ही प्रस्ताव रखेंगी। राजनाथ सिंह को यह जिम्मेदारी लेकर विशेष रूप से भेजा गया था। ताकि वह वसुंधरा राजे के द्वारा नए मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करवा सकें। ऐसा माना जा रहा कि वसुंधरा राजे की ओर उपमुख्यमंत्री बनाए गए प्रेमचंद बैरवा का झुकाव है।


नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने का नियम रहा है,लेकिन आलाकमान का फरमान इस बैठक पर भारी पड़ गया। जोशी ने विधायक दल की बैठक शुरू होते ही संक्षिप्त भाषण दिया और कहा कि, ” बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और यहाँ जो भी फैसले लिए जाते हैं,वह संगठन की रीति-नीति के अनुसार लिए जाते हैं।” आगे उन्होंने कहा कि, ” हम सभी पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता हैं और उसके नाते जो भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व के माध्यम से लिया गया है,वह हमें स्वीकार है। यह हमारी परंपरा रही है और हम इसका पालन करते हैं।”

चुनाव के पश्चात हाई कमान के किसी भी नेता से भजन लाल शर्मा ने मुलाकात नहीं की थी। वे दिल्ली गए ही नहीं थे,वे तो जयपुर में ही थे। उन्हें खुद भी नहीं पता था कि विधायक दल की बैठक में उनके नाम की घोषणा की जाएगी और वे मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। क्योंकि पूरी प्रक्रिया गोपनीय रखी गई थी। जब उनके नाम का प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने रखा और इसका समर्थन सभी ने किया,तब उन्हें इस बात की जानकारी मिली। सूत्रों ने कहा कि,भजन लाल शर्मा,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पदोन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,इसलिए वे अमित शाह के करीबी हैं। आधा दर्जन नेताओं के नामों पर पीएम नरेंद्र मोदी,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चर्चा की और उसके बाद भजन लाल शर्मा का नाम तय किया गया।

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