मुंबई लोकल ट्रेन हादसा (तस्वीर क्रेडिट@MohdHassan8858)

मुंबई लोकल ट्रेन हादसा: मुंब्रा रेलवे स्टेशन और दिवा रेलवे स्टेशन के बीच भीड़भाड़ के कारण हुआ हादसा,4 यात्रियों की मौत,कई घायल

मुंबई,9 जून (युआईटीवी)- मुंबई की जीवनरेखा मानी जाने वाली लोकल ट्रेनें एक बार फिर से हादसे का शिकार हो गईं। सोमवार को ठाणे ज़िले के मुंब्रा और दिवा रेलवे स्टेशनों के बीच एक दर्दनाक रेल दुर्घटना घटी,जिसमें 4 यात्रियों की मौत हो गई और कम-से-कम 9 लोग घायल हुए हैं। इस हादसे ने मुंबई की लोकल ट्रेन व्यवस्था की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना सुबह के व्यस्त समय में घटी,जब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की ओर जा रही एक लोकल ट्रेन मुंब्रा और दिवा स्टेशनों के बीच से गुजर रही थी। अत्यधिक भीड़ की वजह से कई यात्री दरवाजों और फुटबोर्ड पर लटककर यात्रा कर रहे थे। उसी दौरान एक दूसरी लोकल ट्रेन कसारा की दिशा से आ रही थी। दोनों ट्रेनों की निकटता इतनी ज्यादा थी कि फुटबोर्ड पर लटके हुए यात्री एक-दूसरे से टकरा गए और पटरी पर गिर गए।

सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) स्वप्निल धनराज नीला के अनुसार, “मुंब्रा से दिवा की दिशा में जा रही लोकल ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री गिर गए। घटना डाउन/फास्ट लाइन पर हुई। कसारा से आने वाली लोकल और सीएसएमटी की ओर जाने वाली ट्रेन के बीच यात्री टकरा गए और हादसा हुआ।”

ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इस दुर्घटना में 1 यात्री की मौत हुई है,जबकि 9 यात्री घायल हुए हैं। हालाँकि, मौके पर मौजूद चश्मदीदों और स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार,मृतकों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। बाद में रेलवे ने बयान जारी कर चार लोगों की मौत की पुष्टि की।

पुलिस और एंबुलेंस समय पर मौके पर पहुँची और घायलों को शिवाजी अस्पताल, ठाणे जनरल अस्पताल और कालवा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि दिवा-मुंब्रा स्टेशनों के बीच 8 यात्री लोकल ट्रेन से गिर गए और उनमें से कुछ की जान चली गई। हम उनके परिवारों के दुख में शामिल हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल यात्रियों को शीघ्र राहत मिले।”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि घायलों के इलाज के लिए प्रशासन पूरी तरह से समन्वय कर रहा है और रेलवे विभाग को वास्तविक कारणों की जाँच के निर्देश दिए गए हैं।

रेलवे प्रशासन ने हादसे की जाँच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार,इस दुर्घटना का मुख्य कारण अत्यधिक भीड़ और फुटबोर्ड पर यात्रा माना जा रहा है। सोमवार होने के कारण यात्रियों की संख्या अत्यधिक थी और ट्रेनों में चढ़ने की होड़ में कई यात्री मजबूरीवश दरवाजों से लटके हुए थे।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कई बार यात्रियों को चेतावनी दी जाती है कि वे दरवाजों से लटककर यात्रा न करें,लेकिन समय और ट्रेनों की संख्या की कमी के कारण लोग जोखिम उठाने को मजबूर होते हैं।

हादसे के चलते मुंब्रा और दिवा के बीच कुछ समय तक डाउन और फास्ट लाइन की सेवाएँ प्रभावित रहीं। यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से जाने के लिए कहा गया। ट्रेनों में देरी की वजह से कई कार्यालय जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

इस हादसे ने एक बार फिर से मुंबई की लोकल ट्रेन प्रणाली की खामियों को उजागर कर दिया है। भीड़ नियंत्रण,स्वचालित दरवाजों की कमी और अपर्याप्त ट्रेनों की संख्या जैसे मुद्दे पहले से ही चर्चा में थे। अब यह जरूरी हो गया है कि रेलवे मंत्रालय और राज्य सरकार मिलकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ठोस रणनीति बनाएँ।

रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर स्वचालित दरवाजों वाली ट्रेनें,अधिक गार्ड्स की तैनाती और सीसीटीवी आधारित निगरानी की योजना बनाई जा रही है। यात्रियों को भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएँगे।

मुंबई की लोकल ट्रेनें हर दिन लाखों यात्रियों की जरूरत पूरी करती हैं। यह हादसा एक चेतावनी है कि यदि जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो ऐसी घटनाएँ बार-बार दोहराई जा सकती हैं। केवल बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना ही काफी नहीं होगा,बल्कि यात्रियों की सुरक्षा,सुविधा और जागरूकता पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

मुंबई की रफ्तार को बनाए रखने के लिए उसकी जीवनरेखा को सुरक्षित करना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।