डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में एक हफ्ते में युद्धविराम के संभावना का किया दावा

वाशिंगटन,28 जून (युआईटीवी)- इजरायल और ईरान के बीच हालिया युद्धविराम के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और प्रभावशाली बयान दिया है। ट्रंप का दावा है कि आने वाले एक हफ्ते में गाजा पट्टी में भी युद्धविराम हो सकता है। उनके इस बयान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से पश्चिम एशिया की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।

अमेरिका के ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने बताया कि उन्होंने गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए कुछ प्रमुख हस्तियों से बातचीत की है। हालाँकि,ट्रंप ने स्पष्ट रूप से उन लोगों के नाम नहीं बताए,जिनसे उन्होंने बात की,लेकिन उनका इशारा यह जरूर था कि कूटनीतिक प्रयास चल रहे हैं।

उन्होंने कहा, “गाजा में स्थिति बहुत ही भयावह है। हम वहाँ काफी मात्रा में मानवीय सहायता पहुँचा रहे हैं,जिसमें खाद्य सामग्री और जरूरी संसाधन शामिल हैं।”

ट्रंप ने एक दिलचस्प और मानवीय दृष्टिकोण सामने रखा। उन्होंने कहा, “सैद्धांतिक रूप से अमेरिका इस युद्ध में शामिल नहीं है,लेकिन हम शामिल भी हैं,क्योंकि वहाँ लोग मर रहे हैं।” ट्रंप ने उन लोगों की स्थिति का वर्णन किया,जो गाजा में भोजन और जीवन के अन्य संसाधनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी भीड़ें दिखाई देती हैं,जो भूखी हैं और जिनके पास कोई संसाधन नहीं है। इस मानवीय संकट को देखते हुए अमेरिका ने ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ (जीएचएफ) के तहत सहायता भेजने की योजना शुरू की है।

जीएचएफ की कार्यप्रणाली को लेकर ट्रंप ने कहा कि यह प्रणाली “काफी अच्छी” है, लेकिन इसके बावजूद कुछ चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि कुछ “बुरे लोग” इस सहायता को चुरा लेते हैं,जिससे जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुँच पाती।

उन्होंने कहा कि जीएचएफ के जरिए गाजा में भेजी जा रही सहायता उन लोगों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है,जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। हालाँकि, इसके लिए गाजा के निवासियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें आईडीएफ (इज़रायली रक्षा बल) की रेखा पार करनी पड़ती है।

ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि अमेरिका अकेला ही मदद करता रहे,यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को भी गाजा में मानवीय सहायता भेजने के लिए आगे आना चाहिए।

जीएचएफ की प्रणाली में हालांकि कुछ खामियाँ हैं,फिर भी अमेरिका इसके जरिए भोजन और दवाओं की आपूर्ति कर रहा है। ट्रंप ने कहा, “दूसरे देश इस विवादास्पद प्रणाली से बचते रहे हैं,लेकिन जब वहाँ बच्चे भूखे मर रहे हों,तो दूरी बनाना मानवता के खिलाफ है।”

इस पूरे घटनाक्रम का एक अहम पहलू यह भी है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी और रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर अगले हफ्ते वॉशिंगटन की यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में ट्रंप का यह बयान अमेरिकी-इजरायली कूटनीतिक बातचीत के परिप्रेक्ष्य में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस दौरे में गाजा युद्धविराम,बंधकों की रिहाई,ईरान के साथ तनाव और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। ट्रंप का बयान इस बात का संकेत है कि अमेरिका इस समय गाजा संकट को लेकर गंभीर प्रयासों में जुटा है।

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को गाजा से संचालित आतंकवादी संगठन हमास ने इजरायल के नोवा फेस्टिवल पर अचानक हमला किया था। इस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी,जिसमें हवाई हमले और ग्राउंड ऑपरेशन शामिल हैं।

इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। स्थिति मानवीय संकट में तब्दील हो गई है।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किया गया दावा कि “गाजा में एक हफ्ते में युद्धविराम हो सकता है”, निस्संदेह एक सकारात्मक संकेत है। हालाँकि,यह अभी एक राजनीतिक बयान है, लेकिन अगर इसके पीछे कोई ठोस कूटनीतिक प्रयास चल रहा है,तो यह मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगले हफ्ते वॉशिंगटन में इजरायली अधिकारियों के साथ अमेरिका की बातचीत किस दिशा में जाती है और क्या वाकई गाजा में युद्धविराम की कोई ठोस योजना सामने आती है।