भारतीय मूल के एक ही परिवार के 4 सदस्यों की अमेरिका में मौत (तस्वीर क्रेडिट@OpIndia_com)

अमेरिका में भीषण सड़क हादसे में एक हैदराबादी परिवार के चार सदस्यों की मौत,पहचान के लिए डीएनए जाँच जारी

डलास (संयुक्त राज्य अमेरिका),8 जुलाई (युआईटीवी)- संयुक्त राज्य अमेरिका में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने हैदराबाद निवासी एक पूरे परिवार की जिंदगी खत्म कर दी। इस हादसे में चार भारतीय नागरिकों की मौत हो गई,जिनकी पहचान वेंकट बेजुगम,उनकी पत्नी तेजस्विनी चोल्लेटी और उनके दो मासूम बच्चों सिद्धार्थ और म्रीदा बेजुगम के रूप में हुई है। यह परिवार मूल रूप से तेलंगाना के सिकंदराबाद के सुचित्रा क्षेत्र का रहने वाला था और अमेरिका में डलास के पास ऑबरी स्थित सटन फील्ड्स इलाके में निवास कर रहा था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,यह हादसा उस वक्त हुआ जब वेंकट बेजुगम अपने परिवार के साथ अटलांटा में रिश्तेदारों से मुलाकात कर डलास लौट रहे थे। रास्ते में उनकी कार को एक तेज गति से गलत लेन में आ रहे मिनी ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें तुरंत आग लग गई।

हादसे के बाद कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई और उसमें सवार चारों सदस्य बाहर नहीं निकल सके। सभी की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। चश्मदीदों और स्थानीय पुलिस के अनुसार,दुर्घटना के तुरंत बाद आग की लपटों ने कार को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया था,जिससे बचाव का कोई मौका नहीं बचा।

वेंकट बेजुगम एक आईटी पेशेवर थे और वर्षों से अमेरिका में काम कर रहे थे। उनकी पत्नी तेजस्विनी भी तकनीकी पृष्ठभूमि से थीं। सिद्धार्थ और म्रीदा,जो अभी बहुत छोटे थे,अमेरिका में ही पढ़ाई कर रहे थे और इस देश को ही अपना घर मानने लगे थे। एक साथ चार लोगों की मौत ने न केवल परिवार,बल्कि हैदराबाद और अमेरिका में भारतीय प्रवासी समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।

इस बेहद भावुक और संवेदनशील स्थिति में अमेरिका में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था ‘टीम एड’ मदद के लिए आगे आई है। यह संगठन विदेशों में रहने वाले प्रवासियों को आपात स्थितियों में सहायता प्रदान करता है,विशेष रूप से जब कोई अप्रवासी अपने देश से दूर मृत्यु को प्राप्त करता है।

टीम एड के एक सदस्य ने बताया कि वे मृतकों के परिवार और मित्रों के साथ मिलकर शवों को भारत वापस भेजने की प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किए जा रहे हैं,क्योंकि आग में शव बुरी तरह जल चुके हैं। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद,शवों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा और अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद लाया जाएगा।

घटना की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी जाँच में जुटा हुआ है। शवों की शिनाख्त और उनके भारत भेजे जाने की औपचारिकताओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय दूतावास को भी सूचित कर दिया है,ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।

भारतीय समुदाय के लोग,खासतौर पर डलास और हैदराबाद में वेंकट के परिचित, इस त्रासदी से बेहद दुखी हैं और सोशल मीडिया पर लगातार श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कुछ समूहों ने आर्थिक मदद के लिए ऑनलाइन फंडरेजिंग भी शुरू कर दी है,ताकि अंतिम संस्कार और अन्य प्रक्रियाओं में सहयोग दिया जा सके।

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विकसित देशों में भी तेज गति,लापरवाही और गलत लेन में गाड़ी चलाने जैसी लापरवाहियाँ कैसे जानलेवा साबित होती हैं। वेंकट और उनके परिवार का इस तरह अचानक और दर्दनाक अंत, उन हजारों प्रवासी भारतीयों के लिए एक चेतावनी है,जो अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए विदेशों में संघर्ष कर रहे हैं।

हैदराबाद से अमेरिका पहुँचे इस परिवार का सफर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में समाप्त हो गया। यह खबर केवल एक व्यक्तिगत क्षति नहीं है,बल्कि भारतीय प्रवासी समुदाय की साझा पीड़ा है। इस हादसे ने कई सवाल खड़े किए हैं,सड़क सुरक्षा, प्रवासी जीवन की अस्थिरता और आपात स्थिति में सहायता की सीमाएँ।

अब पूरा ध्यान शवों की पहचान,उन्हें भारत वापस लाने और परिजनों को ढाढ़स देने पर है। वेंकट बेजुगम और उनके परिवार की असमय मृत्यु एक गहरी टीस छोड़ गई है,जो लंबे समय तक भारतीय प्रवासी समाज के मन में बनी रहेगी।