संजीव कुमार

संजीव कुमार: असफल रिश्ते,हेमा मालिनी और एक अभिनेता के अकेलेपन की मौत

मुंबई,11 जुलाई (युआईटीवी)- हिंदी सिनेमा के सबसे बहुमुखी और सम्मानित अभिनेताओं में से एक,संजीव कुमार ने पर्दे पर चमक और पर्दे के बाहर एकाकीपन से भरा जीवन जिया। अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा बड़े किरदारों को निभाने की बेजोड़ क्षमता के लिए जाने जाने वाले,जैसे शोले में उम्रदराज़ ठाकुर,संजीव कुमार अपने हुनर ​​के उस्ताद थे,जिन्हें अक्सर “अभिनेताओं का अभिनेता” कहा जाता था,लेकिन सिनेमाई सफलता के बावजूद,उनका निजी जीवन दिल टूटने और अकेलेपन से भरा रहा।

उनके जीवन के सबसे चर्चित अध्यायों में से एक हेमा मालिनी के प्रति उनका एकतरफ़ा प्रेम था। कुमार ने कथित तौर पर हेमा मालिनी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था,लेकिन हेमा ने उन्हें ठुकरा दिया,इस अस्वीकृति ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। हेमा जहाँ अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ीं और अंततः धर्मेंद्र से शादी कर ली,वहीं संजीव कुमार ने कभी शादी नहीं की और कई लोगों का मानना ​​है कि वे अंत तक उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े रहे। सुलक्षणा पंडित सहित अन्य अभिनेत्रियों के साथ उनके रिश्ते भी स्थायी साथी नहीं बन पाए।

अपने शांत और अक्सर मुस्कुराते हुए पर्दे पर दिखने वाले व्यक्तित्व के पीछे एक ऐसा व्यक्ति छिपा था,जो गहरे भावनात्मक जख्मों और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित,कुमार का स्वास्थ्य अपने अंतिम वर्षों में तेज़ी से बिगड़ता गया। 1985 में मात्र 47 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया,वे अपने पीछे फ़िल्मों की एक समृद्ध विरासत छोड़ गए,लेकिन उनका जीवन दुखद रूप से छोटा रह गया। उनकी मृत्यु उनके जीवन की तरह ही एकाकी थी,उनके साथ कोई निकट परिवार नहीं था और उनके अंतिम क्षणों को साझा करने के लिए कोई साथी भी नहीं था।

संजीव कुमार की कहानी कलात्मक विजय और व्यक्तिगत त्रासदी की कहानी है। वे सिनेमा प्रेमियों की स्मृतियों में बसे हैं,न सिर्फ़ अपने निभाए किरदारों के लिए,बल्कि उस शांत गरिमा के लिए भी जिसके साथ उन्होंने अपना दर्द सहा। एक ऐसे दिग्गज जिन्होंने अपनी कला को सब कुछ दिया,लेकिन बदले में उन्हें बहुत कम प्यार मिला।