लैंग्वेज बैरियर को तोड़ें, लोकल को ग्लोबल से जोड़ें : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 3 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भाषा की बाधा को समाप्त करने के लिए मिशन मोड में काम करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल को ग्लोबल के साथ जोड़ने की महत्ता पर जोर दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र के लिए इस वर्ष के बजट में उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन हमें कौशल प्रबंधन सीखने की जरूरत है क्योंकि ये प्रतिभाएं पूरे देश में फैली हुई हैं, चाहे यह एक गांव हो या कोई छोटा शहर हो।

मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, लोकल के साथ ग्लोबल को एकीकृत करने पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसके लिए हमें मिशन मोड पर काम करना चाहिए।”

मोदी ने कहा कि प्रतिभाएं किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं और भाषा के अवरोध के कारण इन प्रतिभाओं को प्रतिबंधित करना उसके और देश के साथ अन्याय होगा।

“गांवों और छोटे शहरों में बहुत सारी प्रतिभाएं हैं। ज्ञान, शोध को प्रतिबंधित करना, देश की क्षमता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।”

मोदी ने कहा, इसी सोच के साथ अंतरिक्ष हो, परमाणु ऊर्जा हो, डीआरडीओ हो, कृषि हो, ऐसे कई क्षेत्रों के दरवाजे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए खोले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने अधिक से अधिक स्थानीय भाषा का उपयोग करने के लिए एक प्रोत्साहन दिया है।

“अब यह सभी शिक्षाविदों, हर भाषा के विशेषज्ञों की जि़म्मेदारी है कि देश और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सामग्री को भारतीय भाषाओं में कैसे तैयार की जाए। तकनीक के इस युग में यह पूरी तरह से संभव है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है। आत्मविश्वास तभी आता है जब युवा अपनी शिक्षा, अपने ज्ञान पर पूरा विश्वास करते हैं।”

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