नई दिल्ली, 10 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा सरकार के प्रस्तावों को कृषि कानूनों पर खारिज करने के बाद अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए सभी विपक्षी दल अगले हफ्ते बैठक कर सकते हैं। विपक्ष ने 25 राजनीतिक दलों के समर्थन का दावा किया है, लेकिन मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल में केवल पांच लोग शामिल थे। जिनमे से कांग्रेस के राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी.राजा और डीएमके के टी.के.एस इलांगोवन हैं, जबकि अधिकांश अन्य विपक्षी नेता दिल्ली में नहीं थे।
विपक्षी दलों में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, शामिल हैं। इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय लोक दल, जनता दल-सेक्युलर, डीएमके, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक और कई अन्य छोटे दल भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
मंगलवार को विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया, “हम भारतीय संविधान के प्रति आपकी मांगों को नहीं मानने और अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए भारतीय संविधान के संरक्षक के रूप में आपसे आग्रह करते हैं।”
