भारत का सर्वोच्च न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट में 7 महीने बाद लगभग पुरे संख्या बल के साथ काम शुरू

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- सुप्रीम कोर्ट ने करीब सात महीने के अंतराल के बाद सोमवार को लगभग पुरे संख्या बल व क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया। 30 सदस्यों वाले सुप्रीम कोर्ट के 28 न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई के लिए बैठे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने वाली आठ बेंच में तीन जज शामिल हैं, जबकि दो बेंच में दो जज हैं। जस्टिस विनीत सरन और मोहन एम. शांतनगौदर सुनवाई में नहीं बैठ रहे हैं।

23 मार्च से शीर्ष अदालत प्रतिबंधित तरीके से काम कर रही है, जहां यह महामारी के मद्देनजर मामलों की सुनवाई वर्चुअल तौर पर कर रही है।

मार्च में प्रकोप के बाद, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, प्रति बेंच औसतन 30 मामलों के लिए, अधिकतम पांच बेंच प्रतिदिन बैठती थीं।

ट्रांसफर याचिकाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए दो एकल न्यायाधीश बेंच बैठ रही है। यह पूरे सप्ताह जारी रहने की संभावना है, और 10 प्रत्येक दिन मामलों की वर्चुअल सुनवाई के लिए बैठ सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने 23 मार्च को व्यक्तिगत रूप से मौजूदगी वाली सुनवाई की प्रक्रिया को निलंबित कर दिया था, और लॉकडाउन अवधि में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केवल तत्काल मामलों को लेने के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी यह प्रवृत्ति जारी रही।

31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न वकीलों के निकायों के अनुरोध पर मामलों की प्रस्तावित प्रयोगात्मक फिजिकल हियरिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी।

हालांकि, ऐसी सुनवाई की बहाली के लिए एसओपी में कोई तारीख नहीं डाली गई थी।

महासचिव संजीव एस. कलगांवकर द्वारा जारी एसओपी में कहा गया, “प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मामलों की फिजिकल हिंयरिंग शुरुआत में तीन कोर्ट-रूम में शुरू हो सकती है और बाद में हालात के मुताबिक मामलों की संख्या या कोर्ट-रूम की संख्या, बढ़ाई या कम की जा सकती है।”

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