यमन में अमेरिकी हवाई हमले (तस्वीर क्रेडिट@rio10314)

अमेरिका ने यमन की राजधानी और अन्य प्रांतों पर हवाई हमलों का नया दौर शुरू किया

सना,20 मार्च (युआईटीवी)- यमन की राजधानी सना में अमेरिकी हवाई हमलों का एक नया दौर शुरू हुआ है। इस हमले में कम-से-कम नौ लोग घायल हो गए हैं,जिनमें सात महिलाएँ व दो बच्चे शामिल हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,यह हमले हौथी द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी के हवाले से रिपोर्ट किए गए हैं। हमलों का निशाना सना के गेराफ इलाके में स्थित एक निर्माणाधीन इमारत थी,जिससे आस-पास के आवासीय ढाँचे को भी नुकसान हुआ और बगल की इमारत में शरण लिए हुए नागरिक घायल हो गए।

हौथी नियंत्रित स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार,यह हमला शनिवार के बाद से क्षेत्र पर दूसरा अमेरिकी हमला है। इससे पहले,शनिवार को किए गए हमलों में 53 लोग मारे गए थे और 98 अन्य लोग घायल हुए थे,जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। बुधवार को किए गए हमलों ने अन्य क्षेत्रों में भी अपना विस्तार किया था और अल-मसीरा टीवी ने जानकारी दी कि इन हमलों ने सादा,अल-बायदा,होदेइदाह और अल-जौफ जैसे हौथी-नियंत्रित क्षेत्रों को भी प्रभावित किया।

उत्तरी यमन को नियंत्रित करने वाले हौथी समूह ने बुधवार को दावा किया था कि उन्होंने लाल सागर में तैनात अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन पर क्रूज मिसाइलें दागी थीं। यह हमला हौथियों द्वारा 72 घंटों में किया गया चौथा हमला था। हौथी समूह ने जोर देकर कहा कि उनका यह समुद्री हमला केवल इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाता है,ताकि इजरायल पर दबाव डाला जा सके कि वह गाजा पर अपने हमले को रोके और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में मानवीय सहायता को अनुमति दे।

अमेरिकी सेना,जो शनिवार को हौथी ठिकानों पर हमले शुरू कर चुकी है,ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेनों की रक्षा करना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को हौथियों को चेतावनी दी कि वे अपने हमले बंद करें या इसके गंभीर परिणामों का सामना करें। उन्होंने घोषणा की कि, “आप पर नरक की बारिश होगी जैसा आपने पहले कभी नहीं देखा।”

इससे पहले बुधवार को हौथी समूह ने कहा था कि उसने लाल सागर में तैनात अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन को चौथी बार निशाना बनाया था। एक बयान में हौथी सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने दावा किया कि इस अभियान में क्रूज मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था और उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले ने “शत्रुतापूर्ण अमेरिकी हवाई हमले” को विफल करने में सफलता प्राप्त की थी।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि यमन में अमेरिकी और हौथी सेनाओं के बीच संघर्ष में तेजी आ गई है। अमेरिका ने अपने सैन्य ठिकानों पर हमले करने वाले हौथी समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है,जबकि हौथी समूह अपनी समुद्री हमलों के जरिए इजरायल के खिलाफ दबाव डालने की कोशिश कर रहा है।

यमन में यह संघर्ष लंबे समय से जारी है,जहाँ हौथी विद्रोहियों और यमन सरकार के समर्थकों के बीच युद्ध हो रहा है। इस संघर्ष ने कई देशों को अपनी सैन्य शक्ति को यमन में तैनात करने पर मजबूर किया है और यह युद्ध क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक जटिल मुद्दा बन गया है। अमेरिका का सैन्य हस्तक्षेप इस संघर्ष को और भी जटिल बना सकता है,क्योंकि यह न केवल यमन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है,बल्कि इस क्षेत्र में ईरान और सऊदी अरब जैसी ताकतों के बीच का तनाव भी बढ़ा सकता है।

हौथी समूह के हमलों का उद्देश्य इजरायल और अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना है और यह तनाव इस बात को दर्शाता है कि यमन के अंदरूनी युद्ध ने वैश्विक स्तर पर भी खींचतान पैदा कर दी है। अमेरिकी सेना द्वारा किए गए हवाई हमले और हौथी समूह के समुद्री हमले दोनों ही इस संघर्ष के बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय रूप को दर्शाते हैं।

साथ ही,यमन के नागरिकों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इन संघर्षों के कारण नागरिकों की जान-माल की हानि हो रही है और वहाँ के सामाजिक ढाँचे भी कमजोर हो रहे हैं। पिछले हमलों में दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की घटनाएँ यह साबित करती हैं कि युद्ध केवल सैनिकों तक सीमित नहीं रहता,बल्कि इसका असर आम जनता पर भी पड़ता है।

यह कहा जा सकता है कि यमन में चल रहे इस संघर्ष में कोई स्पष्ट समाधान नहीं दिखता। दोनों पक्षों के बीच युद्ध का असर केवल क्षेत्रीय स्तर पर नहीं,बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी पड़ रहा है। अमेरिका और हौथी समूह के बीच की यह लड़ाई इस बात का संकेत है कि यमन का संघर्ष केवल स्थानीय नहीं,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।