आरिज खान

बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में आरिज खान दोषी करार

नई दिल्ली, 8 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े एक मामले में इंडियन मुजाहिदीन के एक आतंकवादी आरिज खान को दोषी ठहराया है। बाटला हाउस में एल-18 में मुठभेड़ के बाद कथित रूप से भागने के एक दशक बाद फरवरी 2018 में आरिज खान को गिरफ्तार किया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा कि आरिज खान ने अपने साथियों के साथ, जानबूझकर इनकाउंटर स्पेस्लिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या कर दी और हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह और राजबीर सिंह को चोट पहुंचाई।

जज ने कहा, “आरिज खान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया।”

अदालत 15 मार्च को दोपहर 12 बजे सजा के बिंदुओं पर दलील सुनेगी।

भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174 (ए) और 34 के तहत और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दोषी ठहराया गया है।

19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जामिया नगर के बाटला हाउस में एक मुठभेड़ को अंजाम दिया था, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे।

मुठभेड़ से छह दिन पहले दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में संदिग्ध आईएम के गुर्गो के शामिल होने की बात कही गई थी।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा, जिन्होंने पुलिस की कार्रवाई की अगुवाई की, ऑपरेशन के दौरान मारे गए।

आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है। पुलिस ने दावा किया कि वह चार अन्य लोगों के साथ बाटला हाउस में मौजूद था, और मुठभेड़ के दौरान पुलिस से बचने में कामयाब रहा।

2018 में खान की गिरफ्तारी के दौरान जारी बयानों के अनुसार, पुलिस ने कहा था कि खान एक विशेषज्ञ बम निर्माता और साजिशकर्ता है। दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश में विभिन्न बम विस्फोट मामलों में उसकी तलाश थी।

अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ए.टी. अंसारी ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अधिवक्ता एम.एस. खान ने मामले में मुकदमे की कार्यवाही के दौरान आरिज खान का प्रतिनिधित्व किया।

बाटला हाउस में अपार्टमेंट में रहने वाले पांच लोगों में से, मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन मुठभेड़ के दौरान मारे गए, जुनैद और शहजाद अहमद भाग गए और सालों बाद पकड़े गए थे, जबकि मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

एक ट्रायल कोर्ट ने जुलाई, 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को मामले के सिलसिले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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