पटना,8 जुलाई (युआईटीवी)- बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई की रात करीब साढ़े 11 बजे हुए चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिन-ब-दिन खुलते राज़ों और तेज़ जाँच कार्रवाई के बीच इस केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अब तक दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है,वहीं सोमवार को मुख्य शूटर उमेश यादव की गिरफ्तारी के बाद एक और बड़ा एक्शन सामने आया,जहाँ पटना में हुए एनकाउंटर में कुख्यात अपराधी विकास उर्फ राजा को ढेर कर दिया गया है।
बिहार के नामचीन कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या 4 जुलाई की रात पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में स्थित पनास होटल के पास कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार,खेमका जब कार से अपने अपार्टमेंट के बाहर गेट के पास पहुँचे,तभी घात लगाए बाइक सवार अपराधियों ने उनके सिर में गोली मार दी और फरार हो गए। यह हमला बिल्कुल सुनियोजित था और घटनास्थल पर भगदड़ मच गई।
इस सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ गया,जिसके बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन हुआ और हत्यारों की तलाश शुरू की गई ।
पुलिस की लगातार छापेमारी के दौरान सोमवार को मुख्य शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। वह इस हत्याकांड के प्रमुख साजिशकर्ता और हमलावर के तौर पर सामने आया है। पूछताछ में उमेश ने कई अहम जानकारियाँ दीं,जिनमें सबसे महत्वपूर्ण हथियार सप्लाई करने वाले कुख्यात अपराधी ‘राजा’ का नाम था।
उमेश यादव की निशानदेही पर पटना पुलिस और एसआईटी की टीम ने सोमवार की रात भर छापेमारी की। इसी क्रम में देर रात करीब 2:45 बजे पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र के दमरिया घाट के पास पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई।
इस दौरान कुख्यात अपराधी विकास उर्फ राजा (29) ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने राजा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि,”घटनास्थल से एक पिस्तौल,कारतूस और खोखा बरामद किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है।”
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,विकास उर्फ राजा वही अपराधी था,जिसने शूटर उमेश यादव को हथियार सप्लाई किया था। राजा की गिरफ्तारी या मौत पुलिस के लिए बेहद अहम थी क्योंकि वह इस हत्याकांड की लॉजिस्टिक सपोर्ट चेन का हिस्सा था। बताया जा रहा है कि राजा अंडरवर्ल्ड से जुड़े शूटरों और गैंग्स के संपर्क में था और लंबे समय से फरार चल रहा था।
खेमका परिवार पर यह कोई पहला हमला नहीं था। इससे पहले 20 दिसंबर 2018 को गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या हाजीपुर में गोली मारकर कर दी गई थी। उस समय भी यह सामने आया था कि इस हत्या की साजिश जेल के भीतर से रची गई थी।
अब गोपाल खेमका की हत्या के बाद एक बार फिर खेमका परिवार पर हमला हुआ है,जिससे इस बात की आशंका और गहरी हो गई है कि यह कोई व्यक्तिगत रंजिश या संगठित आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा मामला हो सकता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,अब तक दर्जन भर से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।सीसीटीवी फुटेज,मोबाइल लोकेशन और टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से जाँच को आगे बढ़ाया जा रहा है।अब तक जो तथ्य सामने आए हैं,वे इस ओर इशारा करते हैं कि हमलावरों ने पहले से रेकी कर रखी थी और समय व स्थान पहले से तय था।पुलिस को यह भी शक है कि हत्याकांड के पीछे कोई व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा,जमीन विवाद या पुरानी रंजिश हो सकती है।
बिहार पुलिस के मुताबिक,अब आगे हत्या के मास्टरमाइंड तक पहुँचने की कोशिश की जा रही है। उमेश यादव और राजा के संपर्क में रहे अन्य लोगों को ट्रैक किया जा रहा है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि बाहरी अपराधियों की मदद ली गई हो,जो बिहार से बाहर के हैं।
गोपाल खेमका हत्याकांड ने न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हालाँकि,पुलिस की तेज़ कार्रवाई और राजा की मुठभेड़ में मौत से यह साफ है कि अब प्रशासन इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरत रहा।
पुलिस की इस कार्रवाई से यह भी संकेत मिलता है कि अपराधियों को अब राजनीतिक या नेटवर्किंग की ढाल नहीं बचा पाएगी। आमजन की यही उम्मीद है कि इस केस की तह तक जाकर मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया जाए और खेमका परिवार को न्याय मिले।