नई दिल्ली,16 अक्टूबर (युआईटीवी)- टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने हाल ही में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के रास्ते पर नई नौकरियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अगर विकसित राष्ट्र बनना चाहता है,तो उसे अगले कुछ वर्षों में 10 करोड़ नौकरियों का सृजन करना होगा। उनका यह बयान देश की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और कार्यबल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आया है,जिसमें हर महीने लगभग दस लाख लोग रोजगार की तलाश में कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।
चंद्रशेखरन ने इस बात पर भी जोर दिया कि टाटा समूह का लक्ष्य देश में अधिक से अधिक विनिर्माण नौकरियाँ पैदा करना है। टाटा समूह,भारत में छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए भी कई नए अवसर खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने बताया कि समूह सेमीकंडक्टर,प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग,असेंबली,इलेक्ट्रिक वाहन,बैटरी और इससे जुड़े उद्योगों में निवेश कर रहा है,जिससे अगले पाँच वर्षों में पाँच लाख से अधिक नौकरियों का सृजन किया जा सकता है।
विशेष रूप से सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में टाटा समूह के प्रयासों की प्रशंसा की जा रही है,क्योंकि इस क्षेत्र में काफी बड़ी संख्या में अप्रत्यक्ष नौकरियाँ भी पैदा होंगी। मार्च 2024 में टाटा समूह और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कारपोरेशन (पीएसएमसी) के साथ गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी की आधारशिला रखी गई थी। 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कुशल नौकरियाँ इस मेगा प्रोजेक्ट से सृजित होने की उम्मीद है।
असम में टाटा समूह ने एक सेमीकंडक्टर प्लांट की भी योजना बनाई है, जहाँ प्रतिदिन 4.83 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन होगा। इस प्लांट से 15,000 प्रत्यक्ष और 13,000 अप्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा होंगी। इसके अलावा, टाटा समूह एक नए आईफोन असेंबली प्लांट की भी तैयारी कर रहा है,जिससे आने वाले समय में और भी नौकरियाँ उत्पन्न होंगी।
देश में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार का सृजन वित्तीय वर्ष 2024 में भी बढ़ा है,जिसमें 1.3 मिलियन नई नौकरियाँ सृजित हुईं,जबकि वित्तीय वर्ष 2022 में यह आँकड़ा 1.1 मिलियन था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वित्त वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोजगार और वेतन वृद्धि का श्रेय दिया,क्योंकि इस दौरान श्रमिकों के वेतन में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
चंद्रशेखरन का यह विचार भारत के विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए है, ताकि देश के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें और भारत जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बन सके।