प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 साल बाद पहुँचे श्रीलंका दौरे पर (तस्वीर क्रेडिट@MyGovHindi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 साल बाद पहुँचे श्रीलंका दौरे पर,मिला ‘गार्ड ऑफ ऑनर’,5 मंत्रियों ने अगवानी की

कोलंबो,5 अप्रैल (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा के बाद शुक्रवार शाम श्रीलंका पहुँचे,जहाँ कोलंबो के भंडारनायके हवाई अड्डे पर उनका शानदार स्वागत किया गया। श्रीलंका के पाँच प्रमुख मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की,जिनमें विदेश मंत्री विजिता हेराथ,स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा, मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर और अन्य दो मंत्री शामिल थे। यह प्रधानमंत्री मोदी की 2019 के बाद पहली श्रीलंका यात्रा है और 2015 के बाद उनकी चौथी यात्रा है। श्रीलंका में उनके आगमन के बाद कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात का कार्यक्रम है।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना जताई जा रही है। यह समझौता खासतौर पर समुद्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा,डिजिटल क्षेत्र,व्यापार और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके की आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में कुल मिलाकर 10 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है,जिनमें साम्पुर सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत भी हो सकती है। इसके अलावा डिजिटल सहयोग पर भी चर्चा होगी,जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा पर जाने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “कोलंबो पहुँच गया हूँ। स्वागत करने वालों का शुक्रिया। श्रीलंका के कार्यक्रमों का इंतजार है।” श्रीलंका में उनके आगमन पर ताज समुद्र होटल में भारतीय मूल के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। यह यात्रा खास महत्व रखती है,क्योंकि यह श्रीलंका के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रही है। 2022 में श्रीलंका को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था और इस संकट के दौरान भारत ने श्रीलंका को 4.5 बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद दी थी। इस यात्रा को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि यह श्रीलंका के आर्थिक संकट से उबरने की प्रक्रिया को और मजबूती देगा।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत होगी। शनिवार को होने वाली बातचीत में रक्षा,ऊर्जा और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते हैं। रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच रणनीतिक समझौतों पर चर्चा हो सकती है,जिससे भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के प्रयास किए जाएँगे,खासकर सौर ऊर्जा जैसी परियोजनाओं के जरिए। साम्पुर सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत इस यात्रा के एक अहम पहलू के तौर पर देखी जा रही है,जो भारत और श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का प्रतीक बन सकता है।

यह यात्रा श्रीलंका के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है,क्योंकि यह भारत और श्रीलंका के बीच पुराने रिश्तों को और मजबूत करेगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग से न सिर्फ आर्थिक क्षेत्र में सुधार होगा,बल्कि समुद्री सुरक्षा,ऊर्जा और डिजिटल क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच होने वाली बातचीत दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण और फायदेमंद साबित हो सकती है,जो क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने में सहायक होगी।

इस यात्रा का महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि यह श्रीलंका के आर्थिक संकट से उबरने की प्रक्रिया को और गति देने में मदद कर सकता है। भारत की मदद से श्रीलंका ने आर्थिक मोर्चे पर कई सुधार किए हैं और अब इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में और भी अधिक सहयोग के अवसर पैदा हो सकते हैं। इस यात्रा से श्रीलंका के लोगों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा।