नई दिल्ली,23 जुलाई (युआईटीवी)- संसद के मानसून सत्र में बुधवार को भी गतिरोध जारी रहा। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में विपक्षी दल अपनी विभिन्न माँगों को लेकर नारेबाजी करते नजर आए। सबसे प्रमुख मुद्दा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का रहा,जिस पर विपक्षी सांसद तत्काल चर्चा की माँग कर रहे थे। लगातार हंगामा और नारेबाजी के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
राज्यसभा में बुधवार की कार्यवाही की शुरुआत में ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्रवाई के दौरान बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 25 नोटिस प्राप्त हुए हैं। नियम 267 के तहत किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन की अन्य सभी कार्यवाही स्थगित की जाती है।
इन 25 नोटिसों में सबसे अधिक संख्या उन सांसदों की थी जिन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले पर चर्चा की माँग की थी। चर्चा की माँग करने वाले सांसदों में अखिलेश प्रसाद सिंह,मोहम्मद नदीम उल हक,रजनी अशोक राव पाटिल,रंजीत रंजन,नीरज डांगी,साकेत गोखले,महुआ माझी,डॉ. सैयद नासिर हुसैन,त्रिरूची शिवा,डॉ. जॉन बिटास,हरीश विरन,अब्दुल वहाब,अशोक सिंह, रामजीलाल सुमन,सुष्मिता देव,रेणुका चौधरी और मनोज कुमार झा प्रमुख रहे।
राज्यसभा में केवल बिहार का मामला ही नहीं, बल्कि अन्य मुद्दों पर भी नोटिस दिए गए थे। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों ने दिल्ली में झुग्गी-बस्तियों को तोड़े जाने के मुद्दे पर चर्चा की माँग की। उनका आरोप था कि गरीब तबके के लोगों को बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए उनके आशियाने उजाड़े जा रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद रीताब्रत बनर्जी ने विभिन्न राज्यों में कार्यरत बंगाली कामगारों के साथ हो रहे कथित भेदभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बंगाली मजदूरों के खिलाफ बढ़ते भेदभाव पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए और तत्काल कदम उठाना चाहिए।
इसके अलावा, सीपीआई (एम) के सांसद डॉ. वी. शिवादासन ने हवाई यात्राओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा का नोटिस दिया। उनका कहना था कि हाल ही में विमानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं,जिस पर सरकार को गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए।
उपसभापति हरिवंश ने सदन में पुराने उदाहरणों का हवाला देते हुए नियम 267 के अंतर्गत दिए गए सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया। इस निर्णय के बाद विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा न करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है।
विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर सदन के बीचोंबीच आ गए और “चर्चा कराओ” के नारे लगाने लगे। उपसभापति ने कई बार उन्हें शांत करने का प्रयास किया,लेकिन विपक्षी सांसद अपनी माँग पर अड़े रहे।
लोकसभा में भी बुधवार का दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा की माँग कर रहे थे। शोर-शराबा इतना बढ़ गया कि कार्यवाही चलाना मुश्किल हो गया।
लोकसभा में विपक्षी दलों ने बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण के साथ-साथ महँगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने की माँग की। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई,विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर नारे लगाने लगे। कई सांसद अध्यक्ष की कुर्सी के पास पहुँच गए और “जनता के मुद्दों पर चर्चा करो” के नारे लगाने लगे।
लगातार बढ़ते हंगामे और नारेबाजी के बीच,दोनों सदनों की कार्यवाही को कुछ देर बाद ही स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा और लोकसभा दोनों में अध्यक्षों ने कहा कि शोरगुल के बीच कार्यवाही चलाना संभव नहीं है,इसलिए कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित किया जा रहा है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का आरोप है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। विपक्ष चाहता है कि केंद्र सरकार और चुनाव आयोग इस मामले में स्पष्ट जवाब दें और तुरंत स्थिति सुधारने के कदम उठाएँ।
विपक्षी दलों ने संकेत दिए हैं कि यदि उनकी माँगों को नहीं माना गया तो वे आगामी दिनों में भी सदन की कार्यवाही बाधित कर सकते हैं। विपक्ष का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे,जब तक जनहित के मुद्दों पर सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं होती।
बुधवार को संसद का अधिकांश समय विपक्षी हंगामे की भेंट चढ़ गया। राज्यसभा में 25 नोटिसों के बावजूद कोई भी मुद्दा चर्चा के लिए स्वीकार नहीं किया गया। लोकसभा में भी विपक्षी दलों की माँगों को अनदेखा किया गया,जिससे कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। अब देखना होगा कि गुरुवार को संसद में क्या स्थिति रहती है और क्या सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म हो पाता है या नहीं।