टेलीकॉम

दूरसंचार विभाग ने 3.4 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन को किया डिस्कनेक्ट,17 लाख वॉट्सऐप अकाउंट ब्लॉक

नई दिल्ली,22 मार्च (युआईटीवी)- केंद्र सरकार ने टेलीकॉम फ्रॉड से निपटने के लिए संचार साथी पोर्टल के जरिए अब तक 3.4 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने की जानकारी दी है,जबकि 3.19 लाख आईएमईआई नंबर को ब्लॉक किया गया है। इसके अतिरिक्त, दूरसंचार विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा की मदद से 16.97 लाख वॉट्सऐप अकाउंट भी ब्लॉक किए हैं।

संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 20,000 से अधिक बल्क एसएमएस भेजने वालों को भी ‘संचार साथी पहल’ के तहत ब्लैकलिस्ट किया गया है। ‘संचार साथी पहल’ के अंतर्गत नागरिकों को ‘चक्षु’ की मदद से संदिग्ध धोखाधड़ी से जुड़े कम्युनिकेशन की रिपोर्ट करने की सुविधा मिलती है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे आम नागरिकों को टेलीकॉम फ्रॉड की घटनाओं से निपटने में मदद मिल रही है।

डॉ. चंद्रशेखर ने आगे कहा कि दूरसंचार विभाग संदिग्ध धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतों की जाँच करता है और इसके बाद जाँच में गलत पाए गए नंबरों को ब्लॉक कर देता है। व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट किए गए संदिग्ध धोखाधड़ी कम्युनिकेशन पर कार्रवाई करने के बजाय,विभाग क्राउड-सोर्स डेटा का इस्तेमाल करता है,ताकि टेलीकॉम संसाधनों का गलत इस्तेमाल को रोका जा सके। इसके माध्यम से अधिक प्रभावी ढंग से जाँच की जाती है और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाते हैं।

इस पहल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल किया जा रहा है,ताकि नकली दस्तावेजों पर आधारित संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों की पहचान की जा सके। यह टेक्नोलॉजी अधिक सटीकता से धोखाधड़ी करने वालों को पहचानने में मदद कर रही है और साथ ही यह सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों को समय रहते बंद किया जा सके।

इसके अलावा,दूरसंचार विभाग और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने एक नया सिस्टम तैयार किया है,जो अंतर्राष्ट्रीय स्पूफ कॉलों की पहचान करने में मदद करता है। ये कॉल असल में विदेशों से होती हैं,लेकिन वे भारत से आने वाली कॉल की तरह दिखाई देती हैं। इस सिस्टम के माध्यम से इन कॉल्स की पहचान रियल टाइम में की जा सकती है और उन नंबरों को तुरंत ब्लॉक किया जा सकता है। इस पहल से भारतीय नागरिकों को स्पूफ कॉल्स से बचाव में मदद मिल रही है और कॉल्स की पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।

अब तक,दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 1,150 संस्थाओं/व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया है और 18.8 लाख से अधिक रिसोर्सेस को डिस्कनेक्ट किया है। इन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आई है। अगस्त 2024 में जहाँ यूटीएम के खिलाफ 1,89,419 शिकायतें आई थीं,वहीं जनवरी 2025 तक यह संख्या घटकर 1,34,821 रह गई है। इससे यह साबित होता है कि सरकार की इन कार्रवाइयों का असर पड़ा है और टेलीमार्केटिंग धोखाधड़ी पर काफी हद तक काबू पाया गया है।

इस बीच,भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 12 फरवरी को दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (टीसीसीसीपीआर),2018 में संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत,ग्राहक अब स्पैम या अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए सात दिन का समय ले सकते हैं। पहले यह समय सीमा केवल तीन दिन थी। इस संशोधन से ग्राहक को अधिक समय मिलेगा,ताकि वह स्पैम के खिलाफ शिकायत कर सके और अपने अधिकारों की रक्षा कर सके।

इसके अलावा,ट्राई ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) को लेकर अनरजिस्टर्ड सेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा को घटाकर पाँच दिन कर दिया गया है। पहले यह समय सीमा 30 दिन थी। इसका उद्देश्य यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करना है,ताकि वे अपनी गतिविधियों को नियंत्रित कर सकें। इसके तहत सेंडर्स के खिलाफ अधिक कठोर मानदंड लागू किए गए हैं,जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि स्पैम भेजने वाले किसी भी तरह से बच न सकें।

यह सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं कि टेलीकॉम सेक्टर में धोखाधड़ी और स्पैम को प्रभावी तरीके से रोका जाए। संचार विभाग के इन कदमों से नागरिकों को एक बेहतर,सुरक्षित और धोखाधड़ी मुक्त टेलीफोन सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं। यह कदम न केवल टेलीकॉम फ्रॉड और धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में मददगार हैं,बल्कि यह भारत की डिजिटल व्यवस्था को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

समाज में बढ़ती तकनीकी धोखाधड़ी को देखते हुए,सरकार और दूरसंचार विभाग के इन उपायों से न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखा जा रहा है,बल्कि यह उपाय भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की विश्वसनीयता को भी मजबूत कर रहे हैं।