बेंगलुरु,22 मार्च (युआईटीवी)- कर्नाटक में शनिवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा किए गए 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद के कारण राज्य में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। महाराष्ट्र परिवहन निगम की बसें इस बंद के कारण कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं। इस बंद का असर सबसे अधिक सीमा क्षेत्र के शहरों और गाँवों पर पड़ा है, जहाँ यात्रियों को सबसे अधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ा। अब महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली बसें केवल कर्नाटक की सीमा तक ही जाती हैं और वहाँ से आगे नहीं बढ़ रही हैं,जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र परिवहन निगम ने इस स्थिति को देखते हुए अपनी बस सेवाओं को कर्नाटक के सीमा तक सीमित कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक कर्नाटक में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती,तब तक इन बसों का संचालन सीमित रहेगा। इसके कारण विशेष रूप से उन यात्रियों को कठिनाइयाँ हो रही हैं,जो रोजाना काम या जरूरी यात्रा के लिए इन बसों पर निर्भर रहते हैं।
बीती रात,कई बसें जो महाराष्ट्र से कर्नाटक की ओर जा रही थीं,उन्हें वापस लौटना पड़ा। इन बसों में यात्रियों को कर्नाटक के बेलगाम और अन्य इलाकों से गंतव्य तक नहीं पहुँचने दिया गया। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया और सभी बसों को रात में ही वापस महाराष्ट्र की सीमा की ओर भेज दिया। पुलिस का कहना था कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया गया था,ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में यह बंद आक्रोशित कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा किया गया था,जिनका विरोध एक मराठी बस कंडक्टर के साथ हुए कथित हमले के कारण बढ़ा। बेलगाम में एक बस कंडक्टर से मराठी न बोलने के कारण मारपीट की गई थी, जिसके बाद यह विवाद उभरा। कन्नड़ ओक्कूटा जैसे संगठनों ने इसे कन्नड़ अस्मिता पर हमला मानते हुए मराठी समर्थक समूहों पर प्रतिबंध लगाने की माँग की। इसके अलावा,उन्होंने बेंगलुरु को कई प्रशासनिक जोन में बाँटने के प्रस्ताव और कन्नड़ भाषियों के अधिकारों की रक्षा की भी माँग उठाई।
कर्नाटक बंद का असर सड़क यातायात पर साफ तौर पर देखा गया। महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली सड़कों पर बसों की आवाजाही लगभग ठप हो गई। इस कारण यात्रियों को अपनी यात्रा के लिए अब निजी वाहनों या अन्य परिवहन साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिन यात्रियों ने पहले से टिकट बुक कर रखे थे,उन्हें भी काफी दिक्कतें हुईं।
कर्नाटक सरकार ने इस बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है और पुलिस बल को चौकस कर दिया है,ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस और प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा और किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कर्नाटक में यह बंद 22 मार्च 2025 को सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक चलेगा। इस बंद के दौरान राज्यभर में दुकानें,बाज़ार,स्कूल,कॉलेज और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर असर पड़ेगा। हालाँकि,यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह बंद कब तक चलेगा। महाराष्ट्र परिवहन निगम ने कहा है कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी,बस सेवाएँ फिर से शुरू कर दी जाएँगी। तब तक यात्रियों से धैर्य रखने और वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में हिंसा या उपद्रव की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस और प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बंद के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो और सभी नागरिक सुरक्षित रहें। इसके अलावा,सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और शहरों में पेट्रोलिंग की जा रही है।
इस बंद के दौरान,खासकर सीमावर्ती इलाकों जैसे बेलगाम,हुबली और अन्य स्थानों पर यात्रियों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो रही है। कई लोग निजी वाहनों या टैक्सी सेवा का सहारा ले रहे हैं,लेकिन इन परिवहन साधनों की कमी और बढ़ती माँग के कारण यात्रियों को किराए में वृद्धि का सामना भी करना पड़ रहा है।
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच यह जातीय तनाव और विवाद,जो कि बेलगाम में हुए हमले के बाद शुरू हुआ था,अब पूरे राज्यव्यापी बंद के रूप में सामने आ रहा है। इस विवाद का असर न केवल कर्नाटक और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों पर पड़ रहा है,बल्कि दोनों राज्यों के आम नागरिकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच,कर्नाटक सरकार और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने आपसी समझ और बातचीत के जरिए इस विवाद को हल करने का प्रयास किया है,लेकिन फिलहाल स्थिति में कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है। दोनों राज्यों के नागरिकों के लिए यह समय तनावपूर्ण है और उनकी यात्रा योजनाओं पर भी असर पड़ा है।
कर्नाटक में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या असामाजिक गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।