वाशिंगटन,6 अप्रैल (युआईटीवी)- संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और उनके देश चलाने के तरीके के खिलाफ हजारों की संख्या में गुस्साए लोग सड़कों पर उतरे। 5 अप्रैल को संयुक्त राज्य अमेरिका में विपक्षी आंदोलन का अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला है। यह विरोध प्रदर्शन अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ था और इसके माध्यम से लोगों ने ट्रंप और उनके करीबी सहयोगी एलन मस्क के नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए।
यह विरोध प्रदर्शन अमेरिका के 50 राज्यों में 1200 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया गया। इसे ‘हैंड्स ऑफ’ नामक प्रदर्शन कहा गया,जो कि ट्रंप और मस्क द्वारा निर्धारित नीतियों से देश को मुक्त करने की अपील थी। इन प्रदर्शनों में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया,जिनमें सिविल राइट्स संगठन,श्रमिक यूनियन, एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों के लिए काम करने वाले वकील,चुनावी कार्यकर्ता और कई प्रमुख व्यक्तित्व शामिल थे। यह विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से उन असफलताओं के बाद हुआ,जो ट्रंप प्रशासन के शुरुआती हफ्तों में सामने आईं और यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। इन रैलियों में अब तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं आई है।
प्रदर्शनकारियों ने देशभर के विभिन्न शहरों और राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया। यूएस के मिडटाउन मैनहैटेन से लेकर अलास्का के एंकोरेज तक,प्रदर्शनकारियों ने तख्तियों के साथ रैलियाँ निकालीं। इनमें से कई स्थानों पर संघीय एजेंसियों से कर्मचारियों को निकालने,ट्रंप के आर्थिक,आव्रजन और मानवाधिकार नीतियों पर कड़ी आलोचना की गई। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने गुस्से को खुलकर व्यक्त किया और सरकार से उन मुद्दों पर कदम उठाने की माँग की,जिनसे आम नागरिकों को नुकसान हो रहा है।
HAPPENING NOW: A MASSIVE protest is taking place in downtown Chicago for the “Hands Off!” movement against Elon Musk and Donald Trump pic.twitter.com/NVEiTFi8Iy
— Marco Foster (@MarcoFoster_) April 5, 2025
विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से अमेरिका के पश्चिमी तट पर जोरदार था। सिएटल में स्थित विख्यात स्पेस नीडल के नीचे हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए,जिन्होंने तख्तियों पर “फाइट फॉर ऑलिगार्की” लिखा था। यह स्लोगन अमेरिकी समाज में बढ़ती असमानता और अमीरों के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक था। सिएटल के साथ ही,पोर्टलैंड, ओरेगन और लॉस एंजिलिस में भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे और ट्रंप सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इन शहरों में प्रदर्शनकारियों ने पर्शिंग स्क्वार से लेकर सिटी हॉल तक रैलियाँ निकालीं। इन रैलियों का मुख्य उद्देश्य ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू की जा रही नीतियों का विरोध करना था,जिनसे कई समुदायों में असंतोष बढ़ रहा था।
इस विरोध के पीछे एक बड़ा कारण यह था कि लोग राष्ट्रपति ट्रंप और उनके सहयोगियों की नीतियों से असहमत थे। ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियाँ,जिनमें टैक्स कटौती,न्यूनतम वेतन में वृद्धि की अनुपस्थिति और श्रमिक वर्ग के लिए कम-से-कम सहायता की बात की जा रही थी,ने सामान्य लोगों में गहरी चिंता पैदा की थी। इसके अलावा,ट्रंप का आव्रजन नीति पर भी विरोध हो रहा था,जिसमें देश के दक्षिणी सीमा पर सख्त कड़े कदम उठाए गए थे और लाखों अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने की धमकियाँ दी जा रही थीं। ट्रंप की नीतियाँ नागरिक अधिकारों को लेकर भी कई सवाल खड़े कर रही थीं,खासकर उन समूहों के लिए जो पहले से ही भेदभाव का सामना कर रहे थे।
डोजकॉइन के प्रमुख एलन मस्क भी इस विरोध प्रदर्शन का एक बड़ा हिस्सा थे। मस्क के व्यापारिक कदमों,खासकर उनके टेस्ला और स्पेसएक्स के मुद्दों पर उठाए गए सवालों ने भी लोगों को गुस्से में ला दिया था। मस्क की नीतियों पर सवाल उठते रहे थे,क्योंकि उनके निर्णयों से आम जनता को अक्सर नुकसान होता था और केवल उच्च वर्ग को फायदा मिलता था। इसके अतिरिक्त,मस्क का ध्यान भी अधिकतर आर्थिक लाभ और नवाचार पर था,बजाय समाज की समस्याओं के समाधान के,जो विरोध प्रदर्शन का एक बड़ा कारण था।
यह विरोध प्रदर्शन न केवल ट्रंप और मस्क के खिलाफ था,बल्कि यह समाज में बढ़ती असमानताओं,अमीरों के बढ़ते प्रभाव और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के खिलाफ एक जन आंदोलन था। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि वर्तमान सरकार ने जनता के हितों को नजरअंदाज किया है और केवल कुछ विशेष वर्गों को लाभ पहुँचाया है। यह विरोध विशेष रूप से उस समय हुआ,जब ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने कई ऐसे वर्गों को प्रभावित किया जो पहले से ही समाज में वंचित थे।
इन विरोध प्रदर्शनों ने यह भी दिखाया कि अमेरिकी समाज में बदलाव की लहर चल रही है,जिसमें लोग अब अपनी आवाज़ उठाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। यह एक संकेत था कि आने वाले समय में नागरिक अधिकारों,आर्थिक नीतियों और समाजिक समानता के मुद्दों पर बड़े आंदोलन हो सकते हैं,जिनसे सरकार को अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
5 अप्रैल को अमेरिका में हुए विरोध प्रदर्शनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिकी जनता अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की नीतियों से संतुष्ट नहीं है और वे उनके खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठा रहे हैं। यह प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण था,जो दर्शाता है कि नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।