नई दिल्ली,16 मई (युआईटीवी)- 2025 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी ) का फाइनल मुकाबला अब कुछ ही हफ्तों की दूरी पर है और इस बार क्रिकेट प्रेमियों को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर एक जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिलने वाली है। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका,दो दिग्गज टीमें,इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में आमने-सामने होंगी। मुकाबले की तारीख 11 जून है और इसकी तैयारी अब अपने चरम पर है।
इस बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की पुरस्कार राशि इतिहास में पहली बार दोगुनी की गई है। आईसीसी ने घोषणा की है कि इस एकमात्र निर्णायक मुकाबले के विजेता को 3.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 30.79 करोड़ रुपये) मिलेंगे। यह राशि 2021 और 2023 संस्करणों के विजेताओं को दी गई राशि (1.6 मिलियन डॉलर) से दोगुनी से भी अधिक है।
वहीं उपविजेता टीम को 2.16 मिलियन डॉलर (लगभग 18.48 करोड़ रुपये) मिलेंगे। यह भी पिछले फाइनल में उपविजेता को दी गई राशि (800,000 डॉलर) से कहीं अधिक है। आईसीसी का यह कदम टेस्ट क्रिकेट को और अधिक प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
हालाँकि,भारतीय टीम इस बार फाइनल में जगह नहीं बना सकी,लेकिन भारत को तीसरे स्थान पर रहने के लिए 12.31 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जाएगी। भारत पहले दो डब्ल्यूटीसी फाइनल (2021 और 2023) में उपविजेता रहा था,लेकिन इस बार वह अंतिम दो में जगह नहीं बना सका।
दक्षिण अफ्रीका ने इस चक्र में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 2023-25 डब्ल्यूटीसी स्टैंडिंग में टॉप स्थान हासिल किया। उन्होंने पाकिस्तान,वेस्टइंडीज,बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखलाएँ जीतीं और भारत के खिलाफ घरेलू श्रृंखला को ड्रॉ कराया। इन शानदार नतीजों के दम पर उन्होंने लॉर्ड्स में होने वाले फाइनल के लिए सबसे पहले क्वालिफाई कर लिया।
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दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेम्बा बावुमा ने कहा, “फाइनल में पहुँचना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हम टेस्ट क्रिकेट की अहमियत को समझते हैं और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप इस प्रारूप को प्रासंगिकता और गौरव देती है। लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान में फाइनल खेलना हमारे लिए गर्व की बात है।”
दक्षिण अफ्रीका अभी तक डब्ल्यूटीसी का खिताब नहीं जीत सका है और यह उनके पास पहला आईसीसी टेस्ट खिताब जीतने का सुनहरा मौका है।
ऑस्ट्रेलिया इस बार डब्ल्यूटीसी के खिताब की रक्षा कर रहा है। 2023 में भारत को हराकर उन्होंने पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। इस बार वे लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर इतिहास रचने की तैयारी में हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने इस चक्र में भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से जीतकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। इसके अलावा उन्होंने घरेलू मैदान पर पाकिस्तान को हराया और न्यूजीलैंड तथा श्रीलंका के खिलाफ 3-0 की क्लीन स्वीप हासिल की।
कप्तान पैट कमिंस ने कहा, “फाइनल तक पहुँचना टीम के सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की मेहनत का नतीजा है। लॉर्ड्स में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का फाइनल खेलना एक सम्मान की बात है। हम दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने फाइनल को लेकर उत्साह जताते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि लॉर्ड्स में दर्शकों और दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को कुछ बेहतरीन टेस्ट क्रिकेट देखने को मिलेगा। मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएँ देता हूँ।”
डब्ल्यूटीसी का यह तीसरा संस्करण कई मायनों में खास रहा। प्रतियोगिता के अंत तक यह तय नहीं था कि फाइनल में कौन सी टीमें पहुँचेगी,जिससे यह चक्र और भी रोमांचक बन गया। खिलाड़ियों के बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शन,उतार-चढ़ाव से भरी सीरीज और नाटकीय अंत ने टेस्ट क्रिकेट को एक बार फिर उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा दिलाई।
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड,जिसे “क्रिकेट का मक्का” कहा जाता है,इस महामुकाबले के लिए बिल्कुल उपयुक्त स्थान है। यहाँ खेलने का सपना हर क्रिकेटर का होता है और जब वहाँ किसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जा रहा हो,तो मुकाबले की गरिमा और बढ़ जाती है।
इस ऐतिहासिक मैदान पर फाइनल मुकाबले का होना सिर्फ खेल नहीं,बल्कि क्रिकेट की परंपरा और गौरव को सम्मान देना है।
11 जून को जब ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका लॉर्ड्स में आमने-सामने होंगे,तो वह केवल एक मैच नहीं होगा,बल्कि टेस्ट क्रिकेट के गौरव की लड़ाई होगी। एक तरफ अनुभव और खिताब की रक्षा का दबाव लिए ऑस्ट्रेलिया होगा,तो दूसरी तरफ पहली बार डब्ल्यूटीसी ट्रॉफी जीतने की ललक लिए दक्षिण अफ्रीका।
पारंपरिक क्रिकेट के इस सबसे लंबे प्रारूप में यह मुकाबला हर उस प्रशंसक के लिए खास होगा जो टेस्ट क्रिकेट की गहराई और खूबसूरती को समझता है। करोड़ों रुपये की इनामी राशि,दो मजबूत टीमें,ऐतिहासिक मैदान और वैश्विक ध्यान यह सब मिलकर इसे क्रिकेट का असली महाकुंभ बनाते हैं।