खालिद जमील

विदेशी कोचों के साथ मुकाबला कर सकते हैं भारतीय कोच : खालिद जमील

नई दिल्ली, 2 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- खालिद जमील ने 2017 के आई-लीग सीजन में कोच के रूप में आइजोल एफसी टीम की कमान संभाली थी। यह एक ऐसी टीम थी, जिसे लेकर पिछले सीजन में ऐसा माने जाने लगा था कि वह रेलिगेट हो सकती है, लेकिन गोवा टीम के हटने के कारण वह लीग में बरकरार थी।

आइजोल एफसी ने बाद में जमील के मार्गदर्शन में इतिहास रचा और वह आई-लीग चैंपियनशिप को जीतने वाली पूर्वोत्तर की पहली टीम बनी।

जमील इस समय हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी के मुख्य कोच हैं। वह आईएसएल में पहले भारतीय मुख्य कोच हैं।

एएफसी प्रो लाइसेंस होल्डर कोच जमील के मार्गदर्शन में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी आईएसएल के मौजूदा सीजन के प्लेऑफ में पहुंची है। नॉर्थईस्ट युनाइटेड आईएसएल में दूसरी बार नॉकआउट में पहुंच जाएगी।

हाईलैंडर्स के नाम से मशहूर नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी ग्रुप चरण में तीसरे स्थान पर रही थी। सेमीफाइनल में अब नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी का सामना मौजूदा चैम्पियन एटीके मोहन बागान के साथ होगा।

जमील ईस्ट बंगाल और मोहन बागान जैसी टीमों के भी कोच रह चुके हैं, लेकिन वह नॉर्थईस्ट की टीमों के साथ अधिक सफल होते हुए दिखाई दिए हैं।

यह पूछे जाने पर कि आपका नॉर्थईस्ट की टीमों के साथ कुछ खास तरह का लगाव है, तो जमील ने इसका सारा श्रेय अपने खिलाड़ियों को दिया।

जमील ने आईएएनएस से कहा, ” मैंने इन खिलाड़ियों के साथ कुछ खास नहीं किया है। नॉर्थईस्ट में, स्थानीय खिलाड़ी काफी मेहनत कर रहे हैं। वे टीम के लिए अपना 100 फीसदी देते हैं। साथ ही स्थानीय खिलाड़ियों का विदेशी खिलाड़ियों के साथ टीम संयोजन भी बहुत अच्छा है।”

स्पेनिश कोच गेरार्ड नुस के इस्तीफा देने के बाद से जमील सीजन के बीच में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी के मुख्य कोच बने थे।

उन्होंने कहा, ” जब कोई भारतीय कोच सफल होता है तो काफी अच्छा लगता है। देखिए, यह स्टॉप गैप अरैजमेंट है। हम अंतिम चार में पहुंचने में सफल हुए हैं। हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है। हां, यह देखकर काफी अच्छा लग रहा है कि हम यहां तक पहुंचे हैं।”

जमील ने आगे कहा कि अगर भारतीय कोचों को मौका दिया जाए तो वे विदेशी कोचों के साथ मुकाबला कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ” विदेशी कोच अच्छे हैं। इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन साथ ही भारतीय कोचों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिए। हालांकि, मैं फिर से यह कहूंगा कि यह स्टॉप गैप अरैजमेंट है। हमें इंतजार करना होगा और टूर्नामेंट के अगले सीजन में इसे देखना होगा।”

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