नई दिल्ली, 2 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्र ने गुरुवार को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन ‘सर्वैक’ की घोषणा की, जिसे अगले कुछ महीनों में लॉन्च किया जाएगा और यह 200 से 400 रुपये की कीमत रेंज में उपलब्ध होगा। सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरे सबसे प्रचलित कैंसर के रूप में शुमार है और बड़े पैमाने पर रोकथाम योग्य होने के बावजूद दुनिया के सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है।
अनुमानों के अनुसार, हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का निदान किया जाता है और भारत में 75,000 से अधिक लोग इस बीमारी से मर जाते हैं।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार सी. पूनावाला और अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में चतुर्भुज मानव पैपिलोमा वायरस (क्यूएचपीवी) वैक्सीन के वैज्ञानिक समापन की घोषणा करते हुए कहा कि यह सस्ती और लागत प्रभावी है। वैक्सीन डीबीटी और बीआईआरएसी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह भारत को पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के करीब ले जाता है।
उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए सबसे आशाजनक हस्तक्षेप मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के खिलाफ टीकाकरण है। यह अनुमान लगाया गया है कि एचपीवी टाइप 16 और 18 (एचपीवी-16 और एचपीवी-18) मिलकर दुनिया भर में सभी आक्रामक सर्वाइकल कैंसर के मामलों में लगभग 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
पूनावाला ने कहा कि पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) वैक्सीन कुछ महीनों में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन 200-400 रुपये की सस्ती कीमत में लोगों के लिए उपलब्ध होगी।