नासा-बोइंग स्टारलाइनर

नासा-बोइंग स्टारलाइनर की लॉन्चिंग 2022 के मध्य तक टली, दोषपूर्ण वाल्व की जांच जारी

वाशिंगटन, 21 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- नासा और बोइंग के स्टारलाइनर कार्गो अंतरिक्ष यान के कक्षीय उड़ान परीक्षण को अगले साल के मध्य तक के लिए टाल दिया गया है, क्योंकि इसकी दोषपूर्ण वाल्व की जांच जारी है। बोइंग और नासा ने मूल रूप से 30 जुलाई को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक महत्वपूर्ण मानव रहित परीक्षण मिशन स्टारलाइनर की ऑर्बिटल टेस्ट फ्लाइट 2 (ओएफटी -2) को लॉन्च करने का लक्ष्य रखा था।

लेकिन प्रीफ्लाइट चेकिंग के दौरान स्टारलाइनर के सर्विस मॉड्यूल में 13 अटके हुए वाल्वों का खुलासा किया गया, जिससे इस योजना को स्थगित करना पड़ा।

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने बोइंग के वाणिज्यिक चालक दल के संचालन के प्रबंधक जॉन वोल्मर के हवाले से कहा, “हमें इस बात का कोई संकेत नहीं था कि इन वाल्वों में कोई समस्या होने वाली है।”

वोल्मर ने आगे कहा, “बोइंग ने अभी तक यह निर्धारित नहीं किया है कि किस कारण से वाल्व में दिक्कत आई है। इंजीनियर पूरी तरह से नया सर्विस मॉड्यूल लाने पर विचार कर रहे थे, लेकिन बोइंग ने हाल ही में मौजूदा एक को रखने का फैसला किया है।”

टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग के अंतरिक्ष और प्रक्षेपण के मुख्य अभियंता मिशेल पार्कर ने मंगलवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “अंतरिक्ष यान से दो वाल्वों को हटाकर नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में भेज दिया गया है, जहां उन्हें अलग किया जाएगा और आगे की जांच की जाएगी।”

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वाल्व की समस्या कुछ वाल्वों के टेफ्लॉन सील के पास जमा नमी के कारण आई थी।

बोइंग ने 4.5 अरब डॉलर के नासा अनुबंध के तहत 2014 में स्टारलाइनर के साथ अंतरिक्ष स्टेशन तक और वहां से परिचालन मिशन उड़ाने के लिए नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, अब तक की कई असफलताओं ने स्टारलाइनर को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने से रोक दिया है।

2019 में इसका पहला बिना चालक वाला कक्षीय उड़ान मिशन दर्जनों सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों के कारण योजनाबद्ध तरीके से नहीं चल पाया था, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को चालक दल के उड़ान परीक्षण के लिए बोर्ड पर रखने से पहले एक और प्रयास करने की आवश्यकता पड़ी।

फिर से इसका दूसरा लॉन्च पिछले साल के अंत से चल रही सॉफ्टवेयर जांच के कारण रोक दिया गया। बाद में इंजीनियरों ने वाल्व की समस्या का पता लगाया, जिसे अभी तक हल नहीं किया जा सका है।

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