न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर हेले जेंसन (तस्वीर क्रेडिट@thecricketgully)

न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर हेले जेंसन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास,11 साल के शानदार अंतर्राष्ट्रीय करियर का भावुक समापन

वेलिंगटन, 23 मई (युआईटीवी)- न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम की अनुभवी ऑलराउंडर हेले जेनसन ने आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लगभग 11 वर्षों तक ब्लैक कैप्स की जर्सी पहनकर मैदान पर संघर्ष करने वाली इस खिलाड़ी ने एक संजीदा और सम्मानजनक विदाई के साथ अपने करियर का समापन किया। उनका यह सफर केवल आँकड़ों में नहीं,बल्कि जज़्बे,जुनून और टीम के लिए समर्पण की एक प्रेरणादायक कहानी है।

हेले जेनसन ने 2014 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 फॉर्मेट में न्यूजीलैंड महिला टीम के लिए डेब्यू किया। हालाँकि,शुरुआती दौर में वह टीम में स्थायी जगह बनाने के लिए संघर्ष करती रहीं,लेकिन 2018 में टी20 वर्ल्ड कप में चयन के बाद उनका ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता गया। वे जल्द ही टीम की नियमित और भरोसेमंद खिलाड़ी बन गईं।

अपने करियर में उन्होंने कुल 88 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले,जिनमें 35 वनडे और 53 टी20 मुकाबले शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने 1988 रन बनाए और 76 विकेट भी झटके। यह आँकड़े उनके ऑलराउंड कौशल की गवाही देते हैं,जो बल्ले और गेंद दोनों से संतुलन बनाए रखने में माहिर थीं।

हेले जेनसन ने न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड को दिए गए बयान में अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा, “जब मैं 10 साल की थी और अपने पहले क्रिकेट टूर्नामेंट से घर लौटी,तभी तय कर लिया था कि एक दिन न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा बनूँगी। वो सपना पूरा हुआ,इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूँगी।”

ये शब्द केवल उनके व्यक्तिगत भावनाओं को ही नहीं दर्शाते,बल्कि उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं,जो बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।

जेनसन की उपलब्धियों की बात करें तो वह चार टी20 वर्ल्ड कप (2014, 2018, 2020, 2023) और एक वनडे वर्ल्ड कप (2022) में हिस्सा ले चुकी हैं।

2020 टी20 वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ पहले ही मैच में उन्होंने 3 विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार जीता था। यह उनके करियर की यादगार उपलब्धियों में से एक बन गई।

2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच में 3 विकेट लेकर न्यूजीलैंड को कांस्य पदक दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। ऐसे मौकों पर उनके प्रदर्शन ने यह साबित किया कि दबाव में वे एक भरोसेमंद और निर्णायक खिलाड़ी हैं।

अपने संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “ये सफर शानदार रहा,जिसमें कई चुनौतियाँ थीं,बहुत कुछ सीखने को मिला और सबसे बढ़कर बेहतरीन साथी मिले। यह फैसला आसान नहीं है,लेकिन दिल कहता है कि अब समय आ गया है। मुझे गर्व है हर उस चीज पर जो हमने साथ में हासिल की।”

यह बयान बताता है कि जेनसन के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं था,बल्कि एक जीवन यात्रा थी,जिसमें उन्होंने न केवल अपने खेल कौशल को निखारा,बल्कि साथी खिलाड़ियों के साथ रिश्ते भी बनाए।

न्यूजीलैंड महिला टीम के मुख्य कोच बेन सॉयर ने जेनसन को उनके “शानदार करियर और योगदान” के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “हेले ने बल्ले और गेंद दोनों से कई अहम योगदान दिए। उनका खेल के प्रति समर्पण और जुनून हमेशा टीम के लिए प्रेरणादायक रहा है। हम उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।”

न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के अनुसार,हेले जेनसन घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखेंगी या नहीं,इसका फैसला वह आगे चलकर करेंगी। इस बीच,क्रिकेट समुदाय उन्हें एक मेच्योर,अनुशासित और टीम-ओरिएंटेड खिलाड़ी के रूप में याद रखेगा,जिसने हर चुनौती का सामना साहस से किया।

हेले जेनसन का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना निश्चित रूप से न्यूजीलैंड टीम के लिए एक बड़ा बदलाव है,लेकिन यह बदलाव उन युवाओं के लिए मौका भी है,जो उनकी जगह लेने को तैयार हैं। जेनसन की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपना चाहे कितना भी बड़ा हो,अगर लगन और मेहनत हो तो वह जरूर पूरा होता है।

उन्होंने अपने करियर में जो सम्मान,अनुभव और उपलब्धियाँ अर्जित की हैं,वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। न्यूजीलैंड क्रिकेट ने एक सच्ची ‘टीम प्लेयर’ को अलविदा कहा है,लेकिन खेल और उसके प्रशंसकों के दिलों में हेले जेनसन का नाम हमेशा ज़िंदा रहेगा।