नई दिल्ली,8 फरवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर जाएँगे, जहाँ वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एआई की तकनीकी प्रगति और भविष्य के विकास पर चर्चा करना है और भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे,जिससे दोनों देशों के संबंधों में नई गति आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी की शाम को पेरिस पहुँचेंगे और उसी दिन एलिसी पैलेस में एक रात्रिभोज में शामिल होंगे। इस रात्रिभोज में दुनिया भर के तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख सीईओ और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। इसके बाद,11 फरवरी को प्रधानमंत्री एआई एक्शन समिट के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस समिट की मेजबानी पहले ब्रिटेन (2023) और दक्षिण कोरिया (2024) कर चुके हैं। इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और एआई के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय बातचीत भी होगी,जिसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक,भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों संबोधित करेंगे तथा व्यापार,प्रौद्योगिकी,रक्षा,जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार करेंगे। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान नवंबर 2024 में रियो डी जेनेरो में हुई थी। इसके अलावा,वे जनवरी 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह और जून 2024 में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी मिले थे। इन मुलाकातों से दोनों देशों के मध्य संबंधों में स्थिरता और सामंजस्य बढ़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान 11 फरवरी की शाम को मार्सिले भी जाएँगे,जहाँ राष्ट्रपति मैक्रों उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। यह रात्रिभोज दोनों देशों के मध्य दोस्ती और सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। 12 फरवरी को,प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मैक्रों मिलकर प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मजारग्यूज युद्ध कब्रिस्तान का दौरा करेंगे। यह भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने का एक अद्वितीय अवसर होगा। इसके अलावा,मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी किया जाएगा। इस दूतावास की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान की थी और इसका उद्घाटन भारत-फ्रांस के संबंधों को और मजबूत करने में सहायक होगा।
भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक मजबूत हुई है और यह यात्रा इसे और आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए,दोनों देश जलवायु परिवर्तन,स्वच्छ ऊर्जा,स्वास्थ्य,खाद्य सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं।
भारत और फ्रांस के रिश्ते सिर्फ व्यापार और रक्षा तक ही सीमित नहीं हैं,बल्कि यह साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। दोनों देश 2047 और उसके बाद के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण तैयार कर रहे हैं,जिसमें साझा हितों और वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी। इस यात्रा के दौरान होने वाली उच्च स्तरीय बैठकें और घोषणाएँ,भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को और भी मजबूत बनाएँगी,जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती और विश्वास का संबंध और भी गहरा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी,बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि दोनों देशों के बीच तकनीकी और रणनीतिक क्षेत्र में निरंतर विकास हो,जो न केवल दोनों देशों के लिए,बल्कि पूरे विश्व के लिए लाभकारी होगा।