अयोध्या राम मंदिर

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह,अयोध्या सज-धज कर तैयार,पूरा देश हुआ राममय

19 जनवरी (युआईटीवी)- 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है,इससे पहले पूरा देश राममय हो गया है। ऐसे में भोले की नगरी कहे जाने वाली काशी भला कैसे पीछे रह सकती है। वाराणसी के कुंज बिहारी ने 108 दिनों की मेहनत से सोने, चाँदी और डायमंड से श्री राम मंदिर की रेप्लिका बनाई है। कुंज बिहारी गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी हैं,गुलाबी मीनाकारी में सोने और चाँदी का प्रयोग किया जाता है।

लगभग 2.5 किलो के वजन का राम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है,जिसकी ऊँचाई 12 इंच,चौड़ाई 8 इंच और लम्बाई 12 इंच है। इस मूर्ति के निर्माण सोना,चाँदी,अनकट डायमंड का प्रयोग किया गया है। राम मंदिर की अनुकृति के शिखर पर लगभग डेढ़ किलो चाँदी,सोना और अनकट डायमंड लगाया गया है। 108 पार्ट्स से प्रभु राम के मंदिर की अनुकृति को बनाया गया है। रामलला की सोने की मूर्ति भी मंदिर की रेप्लिका में है।

इस अनुकृति के बनाने पर गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी वाराणसी के कुंज बिहारी ने कहा कि श्री राम की कृपा से ही यह अनुकृति का बनना संभव हो पाया है। पहली जब मैंने इसे बनाने का प्रयास किया था,तब वह सही से आकर नहीं ले पा रही थी,लेकिन जैसे ही मैंने प्रभु श्रीराम का नाम लिया और उनके भजन सुनते हुए मैंने काम शुरू किया तो देखते ही देखते मंदिर ने गुलाबी मीनाकारी से अपना स्वरूप ले लिया।

12 लाख हस्तशिल्पियों ने श्रीरामलला के लिए विशिष्ट वस्त्र तैयार किया-

श्रीरामलला के लिए विशिष्ट वस्त्र को हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट के एक अभिनव प्रयास के तहत देश के 12 लाख हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किया गया,जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी को सौंपा। ट्रस्ट के वरिष्ठ संरक्षक सुरेश जोशी भैया इस मौके पर उपस्थित थे। रामलला के लिए विशिष्ट वस्त्र को तैयार करने के लिए शामिल 12 लाख हस्तशिल्पियों का मुख्यमंत्री ने प्रशंसा करते हुए कहा कि इस वस्त्र में रामभक्ति का ताना है और हस्तशिप का बाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर हुए एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में कोई काम राम के बगैर नहीं होता है। अखंड रामायण का पाठ जन्म के समय होता है,रामनाम संकीर्तन कोई अन्य मांगलिक कार्यक्रम के समय होता है,राम नाम का उच्चारण तो सोते, जागते, भोजन करते, सुख में, दुःख में प्रत्येक क्षण होता है। जब मृत्यु होता है,तो जीवन की अंतिम यात्रा में भी राम नाम का उच्चारण होता है,राम नाम के बिना तो कुछ भी संभव नहीं है।

रामलला के नव विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह श्री राम जन्म भूमि मंदिर में 22 जनवरी को होने वाला है। इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम तो कण-कण में व्याप्त हैं,वे हमारे परमपिता परमेश्वर हैं। लेकिन राम के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा अयोध्या जी में नव्य मंदिर में होना जनविश्वास और लोकआस्था की पुनर्प्रतिष्ठा है। श्री राम जन्म भूमि का मुद्दा 500 वर्षों तक चलता रहा,यह मुद्दा कभी भी दबा नहीं।लोगों ने इस विषय को अलग-अलग कालखंड में जीवित रखा। कभी धर्मयोद्धाओं ने,तो कभी राजे-रजवाड़ों ने,तो कभी पूज्य संतों ने संघर्ष जारी रखा। इस मुद्दे को एक अभियान,एक उद्देश्य बना कर बिना रुके, बिना थके, बिना झुके, बिना डिगे,लड़ते रहे। अन्यत्र कहीं भी किसी अन्य प्रकरण के लिए ऐसा उदाहरण देखने के लिए नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिसने भी राम का नाम लिया,वह तर गया।

जिसने राम को भजा है,चाहे वह सामान्य मानव के रूप में जन्म पाया हो या दैवीय योनि में जन्म लिया हो या फिर अधम योनि में,वह हनुमान की तरह तर गया। जो राम नाम से भागता है,उसका हाल मारीच की तरह होता है,मारीच की मृत्यु पशुवत हुआ था। कोई नाम राम जैसा नहीं है। राम नाम तो अकेला ही आजीविका का साधन है।

इस्कॉन ने अस्पताल और भोजनालय की व्यवस्था की है-

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दृष्टिगत इस्कॉन ने अस्पताल और भोजनालय की व्यवस्था की है। तुलसी उद्यान में विदेशी कलाकारों की टोली इस्कॉन के बैनर तले रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे।

भगवान श्री राम के स्वागत के लिए अयोध्या सज-धज कर तैयार-

भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है और उनके स्वागत के लिए अयोध्या को सजाया जा रहा है। सुंदर प्रवेश द्वार,साफ-सुथरी और चौड़ी सड़कें,रोड पर चमचमाते सूर्य स्तंभ,म्यूरल पेंटिंग,राम की पैड़ी,स्वच्छ और निर्मल सरयू,एक ही पैटर्न पर बनाई गई दुकाने इत्यादि नई और सुन्दर अयोध्या के दर्शन कराती प्रतीत होगी और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए अयोध्या नगरी पूरी तरह से तैयार है। विगत कुछ वर्षों में सीएम योगी ने पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या का कायाकल्प कर दिया है।

भगवान श्री राम लाल की वर्तमान प्रतिमाओं को नई मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाएगी-

अयोध्या में वर्तमान में भगवान श्री राम लाल के जिस मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है,उस मूर्ति को भी नई मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा। इस बात की जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपद राय ने दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भगवान श्री राम लाल के जिस मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है,नई प्रतिमा के साथ-साथ उनकी भी एक समान पूजा अर्चना की जाएगी।

भगवान की वर्तमान प्रतिमाओं के बारे में चंपत राय ने बताया कि पिछले 70 साल से लगातार उन प्रतिमाओं की पूजा-उपासना की जा रही है। मूल मंदिर के मूल गर्भ गृह में उन प्रतिमाओं को भी स्थापित किया जाएगा। जिस प्रकार से अभी उनकी पूजा और उपासना की जाती है,उसी प्रकार से 22 जनवरी से भी अनवरत उनकी सेवा की जाएगी। उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्री राम लाल की नई प्रतिमा और पुरानी प्रतिमाओं को अंग वस्त्र पहनाए जाएँगे। वर्तमान में मंदिर में श्री राम लाल की पूजा होती है, वहाँ श्री राम लाल अपने तीन भाइयों के संग विराजमान हैं ।

मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरी उज्जैन से पाँच लाख लड्डू भेजे जाएँगे-

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरी उज्जैन से पाँच लाख लड्डू भेजे जाने वाले हैं। इन लड्डू को बनाने के पुण्य काम में राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी हाथ बताया है।महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने बताया कि उज्जैन से पाँच लाख लड्डू प्रसाद स्वरूप अयोध्या में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भेजे जाएँगे,लड्डू बनाने का कार्य निरंतर जारी है। महाकालेश्वर प्रबंध समिति की चिंतामन स्थित लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई का अवलोकन स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया। लड्डू बनाने के बारे में प्रबंध समिति ने बताया कि जो लड्डू प्रसाद स्वरूप अयोध्या में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भेजे जाएँगे,वह बेशन,शुद्ध घी,रवा और सूखे मेवे से तैयार किए जा रहे हैं। एक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम है और सभी पाँच लाख लड्डुओं को पैकेट में पैक कर अयोध्या भेजा जाएगा। इन सब कार्यों के लिए अतिरिक्त कारीगरों और कर्मचारियों को लगाया गया है।

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