लॉस एंजिल्स,23 फरवरी (युआईटीवी)- 50 से अधिक वर्षों के बाद अमेरिका ने पहली बार चंद्रमा पर लैंडिंग की है। चंद्रमा पर अमेरिकी कंपनी इंटुएटिव मशीन्स का पहला चंद्र लैंडर उतर गया है। यह पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है,जो चंद्रमा की सतह पर 50 से अधिक वर्षों के बाद उतरा है।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कामर्सियल अमेरिकी स्पेसक्रॉफ्ट ओडीसियस लूनर लैंडर सिग्नल भेजते हुए सफलता पूर्वक उतर गया है,लेकिन कमजोर सिग्नल भेजने की जानकारी मिली है। इस मिशन के लिए निजी कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स लगाया गया है,जिसने बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक कमर्सियल स्पेस यान उतरा,लेकिन कंट्रोलर को षट्भुज आकार के लैंडर ओडीसियस के संकेत मिल रहे थे।
नासा के मुताबिक,गुरुवार शाम 6:23 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 4:53 बजे) ओडीसियस नाम का बिना चालक दल वाला लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। ओडीसियल लैंडर की फोटो इंटुएटिव मशीन्स द्वारा शेयर किया गया है। इंटुएटिव मशीन्स के मिशन निदेशक टिम क्रेन ने बताया कि, ” जो सिग्नल्स ओडीसियस लैंडर के माध्यम से मिल रहे हैं,उन्हें हम समझने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा लैंडर चंद्रमा की सतह पर है,जिसकी पुष्टि हम बिना किसी संदेह के कर सकते हैं। “आईएम टीम को उन्होंने बधाई दी और कहा कि हम लैंडर से मजबूत सिग्नल पाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
Your order was delivered… to the Moon! 📦@Int_Machines‘ uncrewed lunar lander landed at 6:23pm ET (2323 UTC), bringing NASA science to the Moon’s surface. These instruments will prepare us for future human exploration of the Moon under #Artemis. pic.twitter.com/sS0poiWxrU
— NASA (@NASA) February 22, 2024
पिछले सप्ताह गुरुवार को अंतरिक्ष यान को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक,चंद्रमा की सतह पर इंटुएटिव मशीन्स की पहली रोबोटिक उड़ान है।
इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना है। इसके अलावा मिशन के वैज्ञानिक का उद्देश्य रेडियो खगोल विज्ञान,प्लम-सतह इंटरैक्शन,अंतरिक्ष मौसम इंटरैक्शन का अध्ययन करना भी है।
सटीक लैंडिंग के बारे में नासा का मानना है कि यह प्रौद्योगिकियों और संचार और नेविगेशन नोड क्षमताओं का बेहतर प्रदर्शन करेगा।
चंद्रमा की सतह पर वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा पहल के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहुँचाने के लिए नासा कई अमेरिकी कंपनियों के साथ काम कर रहा है।
इससे पूर्व,अमेरिकी यान अपोलो 17 आखिरी बार दिसंबर 1972 में चंद्रमा की सतह पर उतरा था।