श्रेयस अय्यर

श्रेयस अय्यर चोट का बहाना बनाने पर बुरे फँसे,एनसीए ने खोली पोल

नई दिल्ली,22 फरवरी (युआईटीवी)- श्रेयस अय्यर को भारतीय टीम से इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों से बाहर किया गया था। अब शुक्रवार से होने वाले आगामी रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल से श्रेयस अय्यर पीठ दर्द के कारण बाहर हो गए हैं।

बीकेसी ग्राउंड में बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के आगामी रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल से पीठ दर्द के कारण श्रेयस अय्यर बाहर हो गए हैं। लेकिन अपनी एक गलती के वजह से अय्यर विवादों में फँस गए हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार,एक ईमेल के माध्यम से चयनकर्ताओं को बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में खेल विज्ञान और चिकित्सा विभाग के प्रमुख नितिन पटेल ने पुष्टि की कि श्रेयस अय्यर बिलकुल ‘फिट’ हैं,उन्हें ‘कोई ताजा चोट नहीं है’।

रणजी ट्रॉफी से श्रेयस अय्यर ने चोटिल होने के कारण अपना नाम वापस ले लिया था,लेकिन एनसीए द्वारा उन्हें फिट घोषित किए जाने के बाद यह मामला बढ़ता जा रहा है।

ईमेल में नितिन पटेल ने लिखा कि, ” श्रेयस अय्यर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम की हैंडओवर रिपोर्ट के मुताबिक फिट थे और चयन के लिए उपलब्ध थे। उनके टीम इंडिया से जाने के पश्चात फिलहाल किसी ताजा चोट की सूचना नहीं है।”

करीब चार दिन तक मैदान पर तनाव झेलने और पीठ को बल्लेबाजी के आदत बनाने के लिए श्रेयस अय्यर को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी ने रणजी खेलने की सलाह दी थी।

इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में श्रेयस अय्यर ने कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है। उन्होंने हैदराबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में 35 और 13 रन बनाए,तो विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 27 और 29 रन ही बनाए,उन्होंने अपने खेले गए पिछले सात टेस्ट मैचों में सिर्फ 187 रन 17 के औसत से बनाए हैं,जिसमें 35 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है।

इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए श्रेयस अय्यर ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई की ओर से 48 रन बनाए थे,जिसमें मुंबई ने आंध्र को दस विकेट से हराया था।लेकिन जब वे टेस्ट टीम से बाहर हो गए,तो उसके बाद उन्होंने प्रतियोगिता का आखिरी दौर नहीं खेला।

केंद्र-अनुबंधित और भारत ‘ए’ क्रिकेटरों को जब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने घरेलू क्रिकेट में हिस्सा न लेने पर चेतावनी दी थी,तब अय्यर को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हुई।

घरेलू क्रिकेट पर कुछ खिलाड़ियों ने आईपीएल को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है,जो भारतीय क्रिकेट के लिए चिंता का विषय है। भारतीय क्रिकेट को घरेलू क्रिकेट हमेशा एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

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