मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की समीक्षा बैठक (तस्वीर क्रेडिट@TelanganaCMO)

तेलंगाना सरकार 10 फरवरी तक नई पर्यटन नीति पेश करेगी

हैदराबाद,30 जनवरी (युआईटीवी)- तेलंगाना सरकार आगामी 10 फरवरी तक अपनी नई पर्यटन नीति को अंतिम रूप देने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को राज्य में पर्यटन विकास पर एक समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने इको-टूरिज्म और मंदिर पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया और राज्य में पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए कई प्रमुख सुझाव दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अन्य देशों और राज्यों की सर्वोत्तम पर्यटन नीतियों का अध्ययन करें और 10 फरवरी तक तेलंगाना की नई पर्यटन नीति तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति का उद्देश्य राज्य में बड़ी संख्या में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से विशेष रूप से पर्यावरणीय पर्यटन और मंदिरों के पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठित “सम्मक्का-सरलम्मा” जतरा को एक बड़ा पर्यटक आकर्षण बनाने के लिए राजस्व,वन और पर्यटन विभागों के बीच संयुक्त कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जतरा के दौरान अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि आसपास के पर्यटन क्षेत्रों और मंदिरों को जोड़ने वाला एक पर्यटन सर्किट विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने आदिलाबाद,वारंगल और नागार्जुन सागर जैसे क्षेत्रों में पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर भी विचार करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म के संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जानी चाहिए। तेलंगाना सरकार राज्य में पर्यटन के बुनियादी ढाँचे को सुधारने के लिए सिंगापुर शैली की इको-टूरिज्म नीतियों का अध्ययन करेगी,जो पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आगामी गोदावरी और कृष्ण पुष्पाकरम महापर्वों को देखते हुए अधिकारियों से योजना बनाने का निर्देश दिया,ताकि देश भर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। ये आयोजन राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकते हैं और मुख्यमंत्री ने इन आयोजनों के दौरान राज्य के पर्यटन क्षेत्रों को और भी बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें विकसित करने को कहा,ताकि पर्यटकों के लिए आकर्षक और सुरक्षित पर्यटन स्थल प्रदान किए जा सकें।

इसके अलावा,मुख्यमंत्री ने हैदराबाद में हुसैन सागर झील के आसपास स्थित संजीवैया पार्क,एनटीआर पार्क और इंदिरा पार्क को जोड़कर एक पर्यटन सर्किट बनाने का भी निर्देश दिया। यह सर्किट पर्यटकों के लिए एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा,जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य,ऐतिहासिक स्थल और मनोरंजन के अवसर शामिल होंगे। मुख्यमंत्री का मानना है कि इस तरह के पर्यटन सर्किट से हैदराबाद में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और राज्य को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलेगा।

नई पर्यटन नीति के माध्यम से तेलंगाना राज्य को अपनी पहचान और बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यटन क्षेत्र के विकास से राज्य को न केवल अधिक पर्यटक आकर्षित करने में मदद मिलेगी,बल्कि यह राज्य के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बनेगा। बैठक में पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव,मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए,जिन्होंने मुख्यमंत्री के प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तेलंगाना राज्य में पर्यटन का विकास एक बड़ा अवसर हो सकता है,जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए,राज्य सरकार नई पर्यटन नीति को लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी विभागों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। इस नीति से न केवल राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे,बल्कि राज्य के पर्यटन स्थलों का महत्व भी वैश्विक स्तर पर बढ़ेगा।