ट्विटर ने भारत सरकार के कंटेंट ब्लॉकिंग ऑर्डर के खिलाफ कोर्ट का रुख किया

नई दिल्ली, 5 जुलाई (युआईटीवी/आईएएनएस)- ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ कंटेंट को हटाने के भारत सरकार के आदेशों को पलटने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है। ट्विटर ने कुछ अधिकारियों की तरफ से अधिकार के कथित दुरुपयोग को कानूनी चुनौती दी है। आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के आदेश की न्यायिक समीक्षा की ये कोशिश इस अमेरिकी कंपनी और भारत सरकार के बीच टकराव में एक और कड़ी साबित होगी। विश्वसनीय सूत्रों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार, ट्विटर ने आरोप लगाया है कि ट्विटर को जारी किए गए कई ब्लॉकिंग ऑर्डर केवल धारा 69 ए के आधार का ‘उद्धरण’ करते हैं, लेकिन यह प्रदर्शित करने में विफल रहते हैं कि कंटेंट उन आधारों के भीतर कैसे आता है या उक्त कंटेंट कैसे धारा 69 ए का उल्लंघन करता है।

सरकार ने ट्विटर को आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत भेजे गए कंटेंट टेक-डाउन नोटिस के साथ-साथ कंटेंट को नीचे नहीं लेने के लिए जारी गैर-अनुपालन नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए कहा था।

सूत्रों के अनुसार, ट्विटर ने कुछ ऐसे कंटेंट की न्यायिक समीक्षा की मांग की है जो विभिन्न अवरुद्ध आदेशों का एक हिस्सा है, इन अवरुद्ध आदेशों को रद्द करने के लिए अदालत से राहत का अनुरोध किया है।

जून के एक पत्र में, आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को कुछ कंटेंट हटाने के आदेशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

कई राजनीतिक कंटेंट से संबंधित हो सकते हैं, जो सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक दलों के आधिकारिक हैंडल द्वारा पोस्ट की जाती हैं। इस तरह की जानकारी को ब्लॉक करना प्लेटफॉर्म के नागरिक-यूजर्स को दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

अदालत में ट्विटर के कदम पर आईटी मंत्रालय को प्रतिक्रिया देनी बाकी है।

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