धोखाधड़ी

यूपी के दंपति पर धोखाधड़ी का आरोप, ब्रिटेन से किया जाएगा प्रत्यर्पित

लखनऊ, 24 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तर प्रदेश पुलिस आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को आखिरकार ब्रिटेन से एक व्यापारी दंपति के प्रत्यर्पण के लिए मंजूरी मिल गई है, जिनका दिल्ली और यूपी में धोखाधड़ी के कई मामलों में नाम शामिल है। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगैन ने कहा कि दंपति ने कथित तौर पर बुलंदशहर जिले में 1.76 करोड़ रुपये के निर्यात धोखाधड़ी को अंजाम दिया था।

यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को प्रत्यर्पण की अनुमति मिली है।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस की ईओडब्ल्यू भी इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस पाने वाली पहली एजेंसी थी और अपराधियों को विदेशों में गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा कि दंपति ने बैंकों और किसानों को धोखा दिया। उन्हें अक्टूबर 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया। साथ ही इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था।

बाद में, ईओडब्ल्यू ने 51 वर्षीय वीर करण अवस्थी और 49 वर्षीय रीतिका अवस्थी के निर्वासन के लिए वेस्टमिंस्टर अदालत का रुख किया, जो साकेत नगर, दिल्ली के निवासी हैं।

ममगैन ने कहा कि बुलंदशहर की एक कंपनी ने बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सौरभ एंड कंपनी के मालिक पीड़ित लोकेंद्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, बुश फूड्स ने अपनी फर्म से निर्यात के लिए 1.76 करोड़ रुपये का धान खरीदा, लेकिन कभी कोई पैसा नहीं दिया।

प्राथमिकी में अवस्थी दंपति पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी और आपराधिक धमकी का आरोप लगाया गया है।

“जांच के दौरान, हमने यह भी पाया कि (निर्यात) धोखाधड़ी 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की गई है। जनवरी 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने दंपति को इलाज के लिए लंदन जाने की अनुमति दी थी। वीर करण अवस्थी को 86 लाख रुपये के निजी मुचलके पर और तब से वे वापस नहीं आए।”

उन्होंने कहा कि लंदन की एक अदालत ने प्रत्यर्पण के लिए देश की नोडल एजेंसी-केंद्रीय जांच ब्यूरो के माध्यम से ईओडब्ल्यू द्वारा काफी समझाने के बाद दंपति के प्रत्यर्पण की अनुमति दी और जल्द ही उनके खिलाफ दर्ज मामलों में मुकदमा चलाने के लिए उन्हें भारत लाया जाएगा।

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