उत्तर प्रदेश कैबिनेट

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने किरायेदारी अध्यादेश लाने के निर्णय को दी मंजूरी

लखनऊ, 6 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ अर्बन प्रीमिसेस टेनेंसी (दूसरा) अध्यादेश 2021 लाने के फैसले को अपनी मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के जरिये किरायेदारों के साथ होने वाले विवादों में कमी लाई जा सकेगी, साथ ही किराए के पुराने मामलों को भी सुलझाने में मदद मिलेगी। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद किसी भी संपत्ति को किराए पर लेने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य हो जाएगा। हालांकि यह संपत्ति के मालिक और किरायेदार दोनों के हित में होगा। इसके अलावा अध्यादेश में विवादों को हल करने के लिए किराया न्यायाधिकरण बनाने का भी प्रावधान किया है। इन निकायों को 60 दिनों के भीतर मुद्दों को हल करने होंगे।

अभी ऐसे मामलों में हमारी न्याय व्यवस्था में समाधान के लिए कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण मामले सालों से अदालतों में लंबित हैं।

किरायेदारों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यूपी अर्बन बिल्डिंग्स (रेगुलेशन ऑफ लेटिंग, रेंट एंड एविक्शन) एक्ट, 1972 को बदलने का फैसला किया था।

राज्यपाल ने 9 जनवरी 2021 को उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ अर्बन प्रीमिसेस टेनेंसी अध्यादेश 2021 की औपचारिक घोषणा कर दी थी और 11 जनवरी, 2021 को राज्य में इसे लागू कर दिया गया था, लेकिन चूंकि विधानसभा को अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, लिहाजा यह विधेयक पारित नहीं हो सका था। अब इसका एक अध्यादेश लाया जा रहा है।

इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पुलिस एंड फॉरेंसिंक साइंस यूनिवर्सिटी की जगह उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिंग साइंस लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

इसे लेकर प्रवक्ता ने कहा, “अलग-अलग यूनिवर्सिटी द्वारा डिग्री देने की बजाय अब सभी डिग्री एक यूनिवर्सिटी द्वारा ही जारी की जाएंगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *