केरल सरकार की नई शराब नीति पर सहयोगी दलों ने चिंता व्यक्त की

तिरुवनंतपुरम, 1 अप्रैल (यूआईटीवी/आईएएनएस)| कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ द्वारा शुक्रवार को लागू हुई केरल सरकार की नई शराब नीति की आलोचना किए जाने के बाद सत्तारूढ़ वाम दलों के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी भाकपा और केरल कांग्रेस (एम) ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है। साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा स्वीकृत नई शराब नीति से नए खुदरा शराब के ठेके, बार और आईटी पार्कों के अंदर विशेष स्थानों को भी मंजूरी मिलेगी।

जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा ने भी कहा है कि नई शराब नीति नए लाइसेंसों को मंजूरी देकर पैसा कमाने के लिए थी।

शराब उद्योग में सीपीआई के पास ‘एआईटीयूसी’ सबसे बड़े ट्रेड यूनियनों में से एक है, जिसमें शराब निकालने वाले और दुकानों में काम करने वाले लोग शामिल हैं।

यूनियन के शीर्ष नेता केपी. राजेंद्रन, राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री, ने कहा कि वे चिंतित महसूस कर रहे हैं क्योंकि ऐसा लगता है कि शराब उद्योग को एक कच्चा सौदा मिल गया है।

केरल कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष जोस के.मणि ने शुक्रवार को कहा कि शराब नीति में कुछ ग्रे सूची के क्षेत्र थे।

जोस ने कहा, “कुछ क्षेत्रों में सुधार करना पड़ता है और जहां भी सुधार की आवश्यकता होती है, उसे सही किया जाना चाहिए।”

जोस और उनकी पार्टी की मध्य केरल के कुछ जिलों में मजबूत उपस्थिति है।

माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि ‘सीपीआई’ ने कोई चिंता नहीं जताई है। माकपा और सीपीआई आम तौर पर संयुक्त रूप से निर्णय लेते हैं।

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