गगनदीप कांग

‘एक्सई’ वेरिएंट अधिक गंभीर बीमारी पैदा होने का कारण नहीं लगता : गगनदीप कांग

नई दिल्ली, 8 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्टों में से एक गगनदीप कांग ने गुरुवार को कहा कि हम अब तक कोविड-19 के ‘एक्सई’ वेरिएंट के बारे में जो जानते हैं, उससे ऐसा नहीं लगता कि चिंता का कोई कारण है। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि यह वेरिएंट थोड़ा तेजी से फैलता है, लेकिन यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं लगता है।

कांग ने मुंबई में ‘एक्सई’ वेरिएंट की खोज के बारे में कहा, “हम गंभीर बीमारियों के बारे में अधिक चिंतित हैं, और अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो मुझे लगता है कि हमें इसे ट्रैक करना चाहिए, लेकिन इसके बारे में ज्यादा चिंता न करें।”

हालांकि, इंसाकॉग ने ‘एक्सई’ वेरिएंट का पता लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि यह वेरिएंट ‘एक्सई’ वेरिएंट की जीनोमिक तस्वीर से संबंधित नहीं है।

इंसाकॉग भारत में कोविड-19 के परिसंचारी उपभेदों के जीनोम अनुक्रमण और वायरस भिन्नता का अध्ययन और निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित मंच है।

आईएएनएस से बात करते हुए कांग ने कहा कि इंसाकॉग का कहना है कि अगर यह वास्तव में ‘एक्सई’ है, फिर भी हमें इसके बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब भी हम एक नया वेरिएंट देखते हैं, तो महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के लिए इसके क्या निहितार्थ हैं – क्या यह एक नई लहर शुरू करने जा रहा है, क्या लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले हैं आदि।

ओमिक्रॉन की तुलना में एक्सई वेरिएंट में 10 प्रतिशत अधिक संचरण क्षमता का दावा करने वाली रिपोर्टों के बारे में बात करते हुए कांग ने कहा कि ये यूके के निष्कर्ष हैं, क्योंकि वे बहुत सारी सीक्वेंसिंग करते हैं।

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