अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@Mahsar_khan)

इजराइल-ईरान तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान खाली करने की दी चेतावनी

वाशिंगटन,17 जून (युआईटीवी)- इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व ही नहीं,बल्कि पूरे वैश्विक परिदृश्य को झकझोर दिया है। इसी संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दिया है,जिसने पूरी दुनिया का ध्यान फिर से अमेरिका की ओर खींच लिया है। ट्रंप ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि ईरान को न्यूक्लियर हथियार विकसित करने से हर हाल में रोका जाएगा और अगर तेहरान ने बात नहीं मानी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के नागरिकों को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए।

ट्रंप ने यह बयान अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर साझा करते हुए लिखा, “ईरान को वह डील साइन कर लेनी चाहिए थी,जो मैंने उनके सामने रखी थी। इंसानी जिंदगियों के नुकसान पर मुझे अफसोस है,लेकिन मैं एक बार फिर से साफ करता हूँ कि ईरान को न्यूक्लियर हथियार हासिल नहीं करने देंगे। मैंने हमेशा यही कहा है और इस पर कायम हूँ। सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।”

ट्रंप का यह बयान उस समय आया है,जब इजराइल और ईरान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं, जिनमें अब तक कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। इस परिदृश्य में ट्रंप का कहना कि “तेहरान खाली कर दो” और “हम ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देंगे”। यह न केवल ईरान को सीधी धमकी है,बल्कि यह संकेत भी है कि अमेरिका कोई बड़ा कदम उठा सकता है।

साल 2015 में ईरान और कई वैश्विक शक्तियों (जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन शामिल थे) के बीच एक ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ था, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) कहा गया। इस डील के तहत ईरान ने यह वादा किया था कि वह अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम को सिर्फ शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करेगा और सैन्य मकसद से यूरेनियम संवर्धन नहीं करेगा।

हालाँकि,साल 2018 में राष्ट्रपति रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को जेसीपीओए से बाहर कर लिया था। ट्रंप प्रशासन का आरोप था कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है और यह डील उस पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर भारी आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए।

ईरान का दावा है कि उसका न्यूक्लियर कार्यक्रम पूरी तरह नागरिक उद्देश्यों से प्रेरित है। जैसे कि ऊर्जा उत्पादन,चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान,लेकिन अमेरिका और इजराइल को यह शक है कि ईरान धीरे-धीरे हथियार बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। इजराइल की खुफिया एजेंसियों के अनुसार,ईरान ने यूरेनियम संवर्धन का स्तर उस बिंदु तक बढ़ा दिया है,जो परमाणु हथियार निर्माण के लिए उपयुक्त हो सकता है।

वर्तमान में कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुँचे डोनाल्ड ट्रंप ने सम्मेलन को बीच में छोड़ने का निर्णय लिया है। ‘व्हाइट हाउस’ ने पुष्टि की है कि ट्रंप कुछ “महत्वपूर्ण मामलों” पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सम्मेलन से पहले ही रवाना हो रहे हैं। यह निर्णय संकेत देता है कि अमेरिका इस समय वैश्विक स्तर पर कुछ बड़े फैसले लेने की तैयारी में है,खासकर ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध की स्थिति में।

वर्तमान में इजराइल और ईरान के बीच सीधा टकराव चल रहा है,जिसमें मिसाइल और ड्रोन हमले आम हो गए हैं। दोनों ही देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि उनकी नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इस संघर्ष में अब तक कई दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। वैश्विक समुदाय की चिंता इस बात को लेकर है कि यह संघर्ष अगर अनियंत्रित हो गया,तो यह एक व्यापक युद्ध का रूप ले सकता है,जो पूरी दुनिया की शांति के लिए खतरा बनेगा।

हालाँकि,ट्रंप ने पहले भी संकेत दिए हैं कि वे इजराइल और ईरान के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं,लेकिन उनका ताजा बयान आक्रामक है और स्पष्ट रूप से ईरान को डराने और दबाव में लाने की रणनीति है। ट्रंप की रणनीति हमेशा से ही “डील मेकिंग” और “प्रेशर पॉलिटिक्स” पर आधारित रही है,लेकिन सवाल यह है कि क्या ईरान अब भी बातचीत की मेज पर आएगा या तनाव और बढ़ेगा?

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान केवल एक चेतावनी नहीं है,बल्कि एक भू-राजनीतिक चेतावनी संकेत है कि अमेरिका अब भी मध्य पूर्व में अपनी निर्णायक भूमिका निभाना चाहता है। “तेहरान खाली करो” जैसा बयान सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट नहीं,बल्कि गंभीर सैन्य कार्रवाई का पूर्वाभास भी हो सकता है। ऐसे समय में जब इजराइल और ईरान आमने-सामने हैं,तो अमेरिका की यह स्पष्ट चेतावनी वैश्विक राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर सकती है। अब यह देखना अहम होगा कि क्या वाकई बातचीत की कोई संभावना बनती है या फिर दुनिया एक और बड़े युद्ध के मुहाने पर खड़ी हो जाती है।