नई दिल्ली,2 अप्रैल (युआईटीवी)- भारत में पहली बार कोयला का उत्पादन एक अरब टन के पार पहुँच गया है,इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक रूप से मील का पत्थर बताया है। कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन देश में 2023-24 के दौरान एक अरब टन के पार पहुँच गया है। कोयला मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024 में भारत का कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 11.67% की वृद्धि के साथ 997.4 मिलियन टन की नई ऊँचाई को छू गया है।
वित्तीय वर्ष 2023 में 893.19 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ था। कोयला उत्पादन का लक्ष्य 1 बिलियन टन रखा गया है,जो अभी भी पूरा नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोयले के इस उत्पादन पर कहा कि यह विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने इस उपलब्धि पर कहा कि, ” आत्मनिर्भरता की दिशा में यह भारत का मार्ग सुनिश्चित करता है।”
A remarkable feat!
Crossing 1 Billion Tonnes in coal and lignite production marks a historic milestone for India, reflecting our commitment to ensuring a vibrant coal sector. This also ensures India’s path towards Aatmanirbharta in a vital sector. https://t.co/GxHxnL15zL
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2024
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस उपलब्धि को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के माध्यम से शेयर किया था,जिसके जवाब में सोमवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
For the first time ever, India’s coal and lignite production has crossed 1 Billion Tonne. Owing to favourable support from the Govt resulting in capacity expansion, coal+lignite production has grown by more than 70% over the last 10 years.
— Pralhad Joshi (Modi Ka Parivar) (@JoshiPralhad) April 1, 2024
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा,ऐसा पहली बार हुआ है,जब एक बिलियन टन के पार भारत में कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन हुआ है। कोयला-लिग्नाइट के उत्पादन में क्षमता विस्तार के परिणामस्वरूप सरकार के अनुकूल समर्थन और प्रयासों के कारण दस वर्षों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक,देश में थर्मल पावर प्लांटों के लिए आयातित कोयले की मात्रा में अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के बीच 36.69 प्रतिशत की कमी आई है और ऐसा घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि के कारण संभव हो पाया है।