रिश्वत

कर्नाटक में 1.70 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप में बीडीए अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

बेंगलुरु, 17 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- बेंगलुरू पुलिस ने बुधवार को कहा कि बेंगलुरू विकास प्राधिकरण (बीडीए) के उपायुक्त और दो अन्य के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिकारियों पर 1.70 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने और अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दिलाने का वादा कर एक गृहिणी को धोखा देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जयनगर निवासी 45 वर्षीय गृहिणी हेमा एस राजू ने बीडीए उपायुक्त शिवराज, बीडीए अधिकारी महेश कुमार और दलाल मोहन कुमार के खिलाफ आर.टी. नगर थाना में शिकायत की है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी मोहन कुमार ने उसे धमकाया था कि अगर उसने किसी को इस बारे में सूचना दी तो वह लोग उसे जान से मरवा देंगे।

शिकायतकर्ता हेमा बेंगलुरु के हेनूर और श्रीरामपुरा इलाकों में अपनी 2.34 एकड़ जमीन के लिए मुआवजे की राशि के लिए बीडीए से संपर्क कर रही थी, जिसे 2013 में अर्कावती लेआउट के विकास के लिए अधिग्रहित किया गया था।

महिला ने कहा कि आरोपी अधिकारी महेश कुमार ने उसे बताया कि एक अन्य आरोपी शिवराज ने उसकी फाइलें लंबित रख कर भूमि अधिग्रहण से उसका तबादला करा दिया है।

महेश कुमार ने उससे आगे कहा कि अगर वह चाहती है कि उसका काम हो तो उसे फिर से वही पोस्टिंग मिलनी चाहिए। महेश ने उससे यह भी कहा था कि ऐसा करने के लिए उन्हें आरोपी मोहन कुमार, एक दलाल से बात करनी होगी।

शिकायतकर्ता ने जनवरी, 2020 में मोहन कुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने मुआवजे की राशि जारी करने के लिए 1.50 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसने उसी दिन मोहन को 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।

उन्होंने कहा कि इसके बाद महेश कुमार को उनकी फाइलों की आवाजाही की सुविधा के लिए भूमि अधिग्रहण विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। बीडीए के उपायुक्त शिवराज ने उस समय 20 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर लिए थे।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया कि चरणबद्ध तरीके से तीनों आरोपियों को मुझसे कुल 1.10 करोड़ रुपये मिले है। वहीं आरोपी मोहन कुमार ने मुझे फोन करके ब्लैकमेल किया और 60 लाख रुपये और ले लिया कि वह मेरी फाइल को रोक देगा। लेकिन पैसा भुगतान करने के बाद भी मुझे मुआवजे की राशि नहीं मिली।

जब हेमा ने आरोपी शिवराज से संपर्क किया, तो उसने बताया कि उसका तबादला दूसरे पद पर कर दिया गया है और उसे अब उसके मामले से कोई सरोकार नहीं है। ब्रोकर मोहन कुमार ने उसे धमकी दी कि अगर उसने मामला आगे बढ़ाया तो वह उसे मार डालेगा। पुलिस अब उसकी शिकायत की जांच कर रही है।

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