इटली की 1982 विश्व कप जीत के हीरो पाउलो रोसी का निधन

इटली की 1982 विश्व कप जीत के हीरो पाउलो रोसी का निधन

रोम, 10 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- फीफा विश्व कप-1982 में इटली के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले पाउलो रोसी का 64 साल की उम्र में निधन हो गया। राउसी इटली के टीवी चैनल आरएआई स्पोर्ट के साथ विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे थे। इसी चैनल ने गुरुवार सुबह उनके निधन की जानकारी दी।

आरएआई एंकर इनरिको वारिएल ने ट्वीट किया, “बहुत बुरी खबर। पाउलो रोसी हमें छोड़ गए। उनको भुलाना मुमकिन नहीं है। उन्होंने 82 के समर को यादगार बनाया था। वह बीते कुछ वर्षों में आरएआई के अहम साथी थे।”

रोसी की पत्नी सापेलेटी फेडेरिका ने उनका और रोसी का एक फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है और इस तस्वीर के साथ लिखा है, “सदा के लिए।”

उन्होंने हालांकि निधन का कारण नहीं बताया है।

रोसी को सर्वकालिक महान फॉरवर्ड खिलाड़ियों में गिना जाता है। स्पेन में 1982 में खेले गए फीफा विश्व कप के वह हीरो रहे थे। उन्होंन पूरे टूर्नामेंट में छह गोल किए थे और गोल्डन बूट और गोल्डन बॉल का अवार्ड जीता था।

रोसी उन तीन खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने एक ही विश्व कप में यह अवार्ड जीते हैं। 1982 में रोसी को बेलन डी ऑर के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। रोबेटरे बागियो, क्रिस्टियन वेइरी के अलावा वह विश्व कप में इटली के लिए सबसे ज्यादा नौ गोल करने वाले खिलाड़ी रहे।

भारतीय फुटबाल टीम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया है, “हम इटली के महान फुटबाल खिलाड़ी रोसी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। वह 1982 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। वह फीफा विश्व कप के एक ही संस्करण में गोल्डन बूट और गोल्डन बॉल जीतने वाले तीन खिलाड़ियों में से एक हैं।”

क्लब स्तर पर रोसी ने विसेंजा का प्रतिनिधत्व किया। 1976 में वह विसेंजा से को-ऑनरशिप डील के तहत रिकार्ड ट्रांसफर फीस के साथ जुवेंतस में चले गए थे। 1977 में वह विसेंजा में वापस आए और सेरी-बी में शीर्ष स्कोरर रहे। उन्होंने अपनी टीम को सेरी-ए में प्रमोट कराया।

अगले सीजन में रोसी ने 24 गोल किए और वह सेरी-ए तथा सेरी बी में सबसे ज्यादा गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। रोसी ने 1981 में जुवेंतस के लिए पदार्पण किया। वह इस क्लब के साथ दो सेरी-ए खिताब जीतने में सफल रहे। इसके अलावा उन्होंने क्लब के साथ कोपा इटालिया, यूईएफए कप विनर्स कप, यूईएफए सुपर कप, यूरोपियन कप का खिताब जीता था।

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