नई दिल्ली, 26 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- वित्तीय क्षेत्र में सुधारों और यूपीए सरकार पर कटाक्ष करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, एक दिन के लिए भी नहीं। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के लिए बजट घोषणाओं पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, “देश को गैर-पारदर्शी ऋण संस्कृति से बाहर निकालने के लिए एक पर एक कदम उठाए गए हैं। अब एनपीए को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यहां तक कि एक दिन के लिए भी नहीं।”
इस बात पर जोर देते हुए कि बैंकिंग और एनबीएफसी के पुराने ढांचे और मानदंडों को बदला जा रहा है, मोदी ने कहा कि हर कोई इस बात से अवगत है कि 10-12 साल पहले किस तरह आंख मूंद कर लोन दिया जाता था, जिससे वित्तीय क्षेत्र को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
मोदी ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के संदर्भ में सरकार का ²ष्टिकोण साफ है।
उन्होंने कहा, “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर जमाकर्ता और निवेशक विश्वास और पारदर्शिता का अनुभव करे।”
वेबिनार को संबोधित करते हुए, उन्होंने बजट में वित्तीय क्षेत्र से संबंधित घोषणाओं, बैंकों के निजीकरण से लेकर एलआईसी आईपीओ और बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने की रूपरेखा बताई।
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार के प्रयास निजी क्षेत्र के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में हैं, मोदी ने कहा कि देश को, हालांकि, बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी की आवश्यकता है।