पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम 28 फरवरी तक बढ़ाई गई

नई दिल्ली, 22 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना को 28 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना 31 दिसंबर, 2021 तक ही वैध थी। इस संबंध में केंद्र की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, एक प्रति के साथ सभी जिलाधिकारियों व जिला कलेक्टरों को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा गया है।

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना का लाभ उठाने के लिए सभी पात्र बच्चों का अब 28 फरवरी, 2022 तक नामांकन किया जा सकता है। इस योजना में उन सभी बच्चों को शामिल किया गया है जो खो गए हैं। हालांकि जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या जीवित माता-पिता व कानूनी अभिभावक / दत्तक माता-पिता / एकल दत्तक माता-पिता कोरोना महामारी के कारण नहीं रहे।

उन्हें 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी तक कोविड-19 महामारी के रूप में इस योजना के तहत लाभ का हकदार होने के लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष तय की गई है। बच्चे की आयु माता-पिता की मृत्यु की तिथि पर 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं होने पर ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई, 2021 को उन बच्चों के लिए व्यापक समर्थन की घोषणा की थी, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन बच्चों को स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी भलाई को सक्षम करना, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए तैयार करना है। बच्चों के 23 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर वित्तीय सहायता के साथ। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अन्य बातों के साथ-साथ इन बच्चों को अभिसरण दृष्टिकोण, शिक्षा, स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए गैप फंडिंग, 18 वर्ष की आयु से मासिक वजीफा और रुपये की एकमुश्त राशि के माध्यम से सहायता प्रदान करती है। 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख।

महिला एवं बल विकास मंत्रालय के अनुसार ये योजना ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध है। सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को अब 28 फरवरी, 2022 तक पोर्टल पर पात्र बच्चों की पहचान करने और उन्हें पंजीकृत करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही कोई भी नागरिक पोर्टल के माध्यम से इस योजना के तहत सहायता के लिए पात्र बच्चे के बारे में प्रशासन को सूचित कर सकता है।

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