लंदन, 14 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- कई देशों ने सामान्य स्थिति में लौटने की उम्मीद में कोरोना प्रतिबंधों में पूरी तरह से ढील दे दी है, तो वहीं अब खासकर यूरोप और एशिया में संक्रमण के मामले बढ़ने लगा हैं। इससे वैश्विक मामलों में एक बार फिर उछाल होने की संभावना है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित वैज्ञानिक चेतावनी देते रहे हैं।
यूएसए टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, यूके, नीदरलैंड, जर्मनी, स्विटजरलैंड और इटली में पिछले सप्ताह कोरोना मामलों में वृद्धि देखी गई।
जिन देशों के डेटा में मामलों में वृद्धि हुई है, उनमें से कुछ ने आयरलैंड, यूके और नीदरलैंड सहित अस्पताल में भर्ती होने में भी वृद्धि देखी है।
बीबीसी ने बताया कि ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ओएनएस) के नए अनुमान के अनुसार पूरे ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, जिसमें लगभग 25 लोगों में से एक संक्रमित है।
गार्जियन ने बताया कि कोरोना के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या भी पिछले सप्ताह बढ़ने लगी और 9 मार्च को 1,521 को इंग्लैंड में भर्ती कराया गया, जो जनवरी के अंत के बाद से सबसे अधिक संख्या है।
वैज्ञानिकों ने कहा, ये उछाल ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट बीए.2 के कारण हुआ है। जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा लोग एक दूसरे से मिल रहे हैं तो बूस्टर टीकों की प्रभावशीलता भी कम होने लगी है। उन्होंने बुजुर्गो के लिए चौथी डोज की आवश्यकता का तर्क दिया।
बटलर यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड हेल्थ साइंस में एक सहायक प्रोफेसर और विविधता के निदेशक ओगबोनया ओमेनका ने कहा कि वायरस की प्रकृति को देखते हुए मामलों में एक नए वेरिएंट या बढ़ने की संभावना हमेशा मौजूद रहती है।
ओमेनका ने यूएसए टुडे को बताया, “क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है, जब तक हम इसे खत्म नहीं कर देते तब तक इसके वापस आने की संभावना बनी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि लहर की संभावना अमेरिका में भी है।
ग्लोबल टाइम्स ने बताया, इस बीच, चीन दो साल में अपने सबसे गंभीर कोरोना मामलों के प्रकोप का सामना कर रहा है। रविवार को 1,807 नए मामले दर्ज किए गए।
जिलिन, शेडोंग, ग्वांगडोंग प्रांतों, शंघाई और बीजिंग नगर पालिकाओं में नए मामले बढ़े हैं, जिससे शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है।
कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखने वाले अन्य एशियाई देशों में दक्षिण कोरिया, वियतनाम, हांगकांग, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।