Tahir Raj Bhasin

ताहिर राज भसीन: मैं आसानी से ऊब जाता हूं, इसलिए मेरे लिए अलग-अलग किरदार ठीक हैं

मुंबई, 22 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- अभिनेता ताहिर राज भसीन का कहना है कि उन्होंने हमेशा किरदारों में विविधता लाने की कोशिश की है, लेकिन बॉलीवुड में एक ही तरह की भूमिकाएं मिलना बहुत सामान्य है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “यह बहुत आम बात है कि जब कोई एक रोल काम कर जाता है (तो तुम्हें वापस वही पुराने किरदार मिलते हैं) जैसे कि ‘मर्दानी’ के चलने के बाद मुझे दुश्मनी के किरदार मिलने लगे। ‘छीछोरे’ के बाद, कॉलेज, हॉस्टल लाइफ के किरदार मिलने लगे। ऐसा नहीं है कि मैं ऐसे किरदार खराब स्क्रिप्ट के कारण मना कर देता हूं। बस वो चीज उस समय नहीं करना चाहता।”

अभिनेता का कहना है कि फिल्म निर्माता उन किरदारों में कास्टिंग कलाकारों को पसंद करते हैं जो पहले उनके लिए काम कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, “यह हर अभिनेता के साथ होता है। एक फिल्म निर्माता के लिए ट्राई और टेस्ट जोन में जाना सामान्य है। मुझे जोखिम लेने और विभिन्न पहलुओं और अपनी खुद की अभिनय प्रतिभा की खोज करने में मजा आता है। यही मेरी दिलचस्पी है।”

उन्होंने आगे कहा, “यदि कोई एक पीरियड फिल्म देख रहा है, तो वे मंटो को देखेंगे, यदि यह एक कॉलेज फिल्म है, तो वे छीछोरे को देखेंगे। बहुत सारे नए अभिनेताओं के लिए पहली चीज ²श्य है। हालांकि, वह उनसे सोशल मीडिया पर अपनी अभिनय क्षमता दिखाने का आग्रह करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आप इसे तोड़ सकते हैं, अपने कंफर्ट जोन से बाहर जा सकते हैं। उपकरण आपके हाथ में हैं। इंस्टाग्राम पर सेल्फी वीडियो बनाएं या अपने फोन पर एक छोटी सी फिल्म शूट करें और धारणा को तोड़ें। यह एक अभिनेता के रूप में आप पर निर्भर करता है।”

साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “मैं आसानी से ऊब जाता हूं, इसलिए मैं अलग-अलग किरदारों में काम करता हूं। यह कुछ ऐसा करने का सख्त फैसला है जो कुछ अलग करने के लिए है, ताकि मुझे यह महसूस न हो कि मैंने यह किया है।”

ताहिर अगले कुछ महीनों में ‘लूप लेपेटा’ और ’83’ फिल्मों के साथ-साथ वेब सीरीज ‘ये काली काली आंखें’ में नजर आएंगे।

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