शीर्ष अमेरिकी संस्था भारत को सेमीकंडक्टर हब बनने में करेगी मदद

शीर्ष अमेरिकी संस्था भारत को सेमीकंडक्टर हब बनने में करेगी मदद

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत अमेरिका के सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) ने मंगलवार को इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के साथ साझेदारी की घोषणा की। एसआईए इस उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला शीर्ष व्यापार संस्था है। एसआईए यूएस सेमीकंडक्टर उद्योग के 99 प्रतिशत और गैर-यूएस चिप फर्मों के लगभग दो-तिहाई उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।

यह साझेदारी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और संभावित अवसरों की पहचान करने में मदद करेगी।

एसआईए के अध्यक्ष और सीईओ जॉन नेफर ने कहा, “हमें आईईएसए के साथ समझौता करने और ग्लोबल वैल्यू चेन के तहत एक अधिक शक्तिशाली डिजिटल अर्थव्यवस्था और इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर नवाचार के लिए एक केंद्र बनने के भारत के लक्ष्य का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है।”

भारत सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) शुरू करने की घोषणा की और देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्च रिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) की मंजूरी दी।

आईईएसए के अध्यक्ष राजीव खुशु ने कहा कि एसोसिएशन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत में सफल हों, जबकि स्थानीय सेमीकंडक्टर स्टार्टअप और सेवा कंपनियों को घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए उत्पाद बनाने में मदद मिले।

खुशु ने कहा, “एसआईए की वैश्विक पहुंच आईईएसए को नए अवसर का पता लगाने और दूसरे देशों में विस्तार करने में मदद करेगी।”

दोनों संगठन इस क्षेत्र में अमेरिका-भारत सहयोग के संभावित अवसरों का पता लगाने के लिए कार्यक्रमों (आभासी या व्यक्तिगत) की मेजबानी भी करेंगे।

नेफर ने कहा, “हम भारत को और भी अधिक प्रतिस्पर्धी नीतिगत माहौल देना चाहते हैं और बौद्धिक संपदा व्यवस्था के तहत पारदर्शिता के साथ मजबूत हो।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण और निवेश को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर क्षेत्र के वित्तपोषण के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए एक 17-सदस्यीय समिति का गठन किया।

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