ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माँ माधवी राजे सिंधिया का दिल्ली के एम्स में निधन

भोपाल/नई दिल्ली,15 मई (युआईटीवी)- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माँ माधवी राजे सिंधिया का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बुधवार (15 मई) की सुबह 9:28 बजे निधन हो गया। दिल्ली एम्स में पिछले तीन महीने से उनका इलाज चल रहा था और वह पिछले कुछ दिन से ‘वेंटिलेटर’ पर थीं। वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं। ग्वालियर राजघराने को उनके निधन से बड़ी क्षति पहुँची है। दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। महल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,16 मई को शाम करीब 4 से 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रदेश की राजनीति से जुड़े कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।

माधवी राजे का संबंध नेपाल के राजघराने से था। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। प्रिंसेज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी माधवी राजे को जाना जाता था। चैरिटी के काम में वह काफी सक्रिय रहती हैं। शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने वाली 24 धर्मार्थ ट्रस्टों में माधवी राजे अध्यक्ष थीं। उन्होंने महल संग्रहालय में अपने दिवंगत पति माधवराव सिंधिया की याद में गैलरी भी बनाई।

8 मई 1966 को माधवी राजे की शादी ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया से हुई थी। देश के ताकतवर नेताओं में माधवराव सिंधिया गिने जाते थे और वे कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने माधवराव के निधन के बाद पिता की राजनीतिक विरासत को सँभाल रहे थे। योतिरादित्य सिंधिया मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।

माधवी राजे के निधन पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा,”भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की पूज्य माता जी श्रीमती माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ।” माँ तो जीवन का आधार होती हैं और इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत पुण्य आत्मा को वे अपने श्रीचरणों में स्थान दे और उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करना। ॐ शांति।

 

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