डब्ल्यूईएफ 2023 : प्रधानमंत्री के मुंबई दौरे से पहले मुख्यमंत्री शिंदे दावोस की यात्रा पर पहुंचेगे

मुंबई, 13 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्विट्जरलैंड के दावोस की यात्रा पर जा रहे हैं। दावोस में 16 से 20 जनवरी के बीच विश्व आर्थिक सम्मेलन (डब्ल्यूईएफ) होने जा रहा है।

हालांकि, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दावोस की यात्रा पर नहीं जा रहे हैं क्योंकि वह 19 जनवरी को मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों की तैयारी करेंगे। सीएम शिंदे भी विदेश से लौटने के बाद इसमें शामिल होंगे। पिछले साल 30 जून को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पद से हटाकर सत्ता में आने के बाद से शिंदे की यह पहली विदेश यात्रा है। दावोस बिज यात्रा शिंदे-फडणवीस के लिए महत्वपूर्ण है।

विदेश के लिए उड़ान भरने से पहले ही टीम शिंदे ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र सरकार दावोस के सुरम्य अल्पाइन स्की रिसॉर्ट में 20 वैश्विक समूहों के साथ लगभग 1.40 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेगी। विश्व आर्थिक मंच की इस बैठक का विषय खंडित दुनिया में सहयोग है, जिसका उद्देश्य दुनिया के सामने बड़े मुद्दे रखना है और नए समाधानों को बढ़ावा देना है।

सीएमओ के अनुसार, शिंदे और उनका काफिला 15 जनवरी को ज्यूरिक के लिए उड़ान भरेगा और 16 जनवरी को दावोस पहुंचेगा, जहां वह महाराष्ट्र पवेलिन का उद्घाटन करेगा। पवेलिन महाराष्ट्र की तटीय सड़क परियोजना, विभिन्न शहरों में मेट्रो परियोजनाओं, बालासाहेब ठाकरे मुंबई-नागपुर सुपर एक्सप्रेसवे, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के लिए सबसे लंबी सुरंग ‘मिसिंग लिंक’, सार्वजनिक परिवहन और अन्य पर्यावरण में इलेक्ट्रिक वाहनों को बदलने का प्रदर्शन करेगा। वहां कुछ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और फिर शिंदे डब्ल्यूईएफ के शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे और उसी शाम कांग्रेस केंद्र में मुख्य स्वागत समारोह में भाग लेंगे।

17 जनवरी को, सीएम लक्जमबर्ग और जॉर्डन के प्रधानमंत्रियों, सिंगापुर और सऊदी अरब के मंत्रियों, बैंकरों एवं स्विस-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ मुलाकात करेंगे और कुछ और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे। उसी दोपहर, सीएम शहरों के विकास के लिए बदलती जलवायु परिस्थितियों और पर्यावरण के अनुकूल सतत विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर कांग्रेस केंद्र में एक सभा को संबोधित करेंगे।

इसके बाद शिंदे राजनीति, उद्योग और डब्ल्यूईएफ में भाग लेने वाले अन्य 150 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक महाराष्ट्रीयन दावत की मेजबानी करेंगे और बड़े निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ के कॉन्सेप्ट को बेचेंगे। हालांकि, विपक्षी एमवीए नेताओं ने तीखी टिप्पणियों के साथ शिंदे की दावोस यात्रा आलोचना की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि प्रस्तावित निवेश महाराष्ट्र में आए और गुजरात या किसी अन्य राज्य में न जाए और यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर सुनिश्चित करें।

कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि प्रधानमंत्री की मुंबई यात्रा के कारण उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने अपनी दावोस यात्रा रद्द कर दी और मुख्यमंत्री शिंदे अपने दौरे में कटौती करेंगे, जिससे राज्य के लिए अच्छी निवेश परियोजनाएं प्राप्त करने का सुनहरा अवसर हाथ से निकल जाएगा। शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध और असंवैधानिक है और इसलिए राज्य में निवेश या रोजगार सृजित करने को लेकर गंभीर नहीं है।

एक अधिकारी ने कहा कि महामारी के दो वर्षों के बाद यह पहला विश्व आर्थिक सम्मेलन है। हमने सम्मेलन में महाराष्ट्र की एक प्रभावशाली छवि व्यक्त करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। सीएम और डिप्टी सीएम ने व्यक्तिगत रूप से सभी चीजों की समीक्षा की है और सभी पहलुओं पर अधिकारियों को निर्देशित किया है।

वार्षिक आर्थिक सम्मेलन राजनीति, व्यापार और अर्थशास्त्र में लगभग 2,500 शीर्ष नेताओं को आकर्षित करता है और पूरी दुनिया की नजरें इस पर बनी हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सम्मेलन में मंत्री उदय सामंत, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, भूषण गगरानी, हर्षदीप कांबले, विपिन शर्मा और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी शिंदे के नेतृत्व में राज्य के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे, और पीएम की यात्रा के लिए 18 जनवरी की देर रात स्वदेश लौटेंगे।

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