यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र आज से, 22 सितंबर को सदन रहेगा महिलाओं के नाम

लखनऊ, 19 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र में सत्ता पक्ष ने शांति से सत्र चलाने का अनुरोध किया है, वहीं विपक्ष ने महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार घेरने का ऐलान किया है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि दी जाएगी और 20 सितंबर को तीन सदस्यों को जन्मदिन की बधाई दी जाएगी। इसके अगले दिन दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद का समय महिला सदस्यों को चर्चा के लिए आरक्षित रहेगा, जो कि देश की सभी विधानसभाओं से अनूठा होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पूर्व रविवार को भाजपा और सहयोगी दलों के विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “इस बार के मानसून सत्र में हमने 22 सितंबर का दिन दोनों सदनों की महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रखा है। देश की किसी विधानसभा में ऐसा पहली बार हो रहा है। उस दिन विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य ही अपना विषय रखेंगी।”

उन्होंने महिला सदस्यों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के दृष्टिगत चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के विषय में जरूर बोलें। सीएम योगी ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से अनुरोध करते हुए कहा कि इस दिन को विशेष बनाने के लिए महिला सदस्य को दोनों सदनों में पीठासीन अधिकारी बनाएं।

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादा के अंतर्गत रखें और प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस करें। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “जनता ने बड़े विश्वास के साथ सभी विधायकों चुनकर भेजा है। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबका दायित्व है। सदन में गंभीर और प्रभावी चर्चा से जनता के सम्मान में वृद्धि होगी।”

सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं ने विधान सभा अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष अगर चाहेगा तो सदन की कार्यवाही अच्छे से चलेगी। सदन चलाना है या नहीं, यह विपक्ष पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार तो चाहती है कि सदन अधिक से अधिक दिन तक चले और जनहित के मुद्दें पर सार्थक चर्चा हो। इसलिए हमने विपक्ष से सदन चलाने में मदद मांगी है। इस मौके पर सपा ने पूर्व मंत्री आजम खां पर चल रहे मुकदमों की जांच कराने की भी मांग रखी।

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