forest fire

नैनीताल के जंगलों में लगी भीषण आग,वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से आग पर काबू पाया गया

नैनीताल,27 अप्रैल (युआईटीवी)- नैनीताल के पाइंस के जंगलों में शुक्रवार से ही आग लगी हुई है और वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से इस आग को बुझाया जा रहा है। आग लगने के कारण उत्तराखंड की वन संपदा नष्ट होती जा रही है। जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

नैनीताल के पाइंस के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर नैनीताल में भीमताल झील से पानी भर कर आग में डाल रहे हैं। जिस कारण कुछ घंटो के लिए झील में नौकायन भी बंद कर दिया गया है। प्रसिद्ध नैनी झील में नौकायन बंद किए जाने के कारण नैनीताल घूमने आए पर्यटक नौकायन का आनंद नहीं ले पाए। सप्ताहांत (वीकेंड) के कारण नैनीताल में बड़ी संख्या में सैलानी पहुँचे हैं। लेकिन उनका सफर नौकायन बंद होने से अधूरा रह गया,जिससे सैलानी निराश दिखाई दिए।

नैनीताल के पाइंस के जंगलों में लगी आग हल्द्वानी के साथ कोटद्वार तक बढ़ती जा रही थी। इस आग ने ज्योलिकोट,भूमियाधार,भवाली, नारायणनगर,मुक्तेश्वर,रामगढ़ आदि जंगलों को भी अपनी चपेट में ले लिया था। जब यह आग रिहायशी क्षेत्रों के तरफ बढ़ने लगी तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आग को बुझाने के लिए सेना से मदद माँगी। जिसके बाद वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर शनिवार सुबह से ही नैनीताल पहुँचकर पाइंस के जंगलों में लगी आग पर भीमताल झील से पानी भर कर आग पर डाला,जिससे इस आग पर काबू पा लिया गया।

उत्तराखंड के जंगलों में लगी इस भीषण आग के वजह से लाखों हैक्टेयर जंगल,जल नष्ट हो गए हैं। सरकार को जंगल जलने से भारी राजस्व का नुकसान हुआ है। यहाँ के शुद्ध वातावरण को भी जंगलों में लगी आग से भारी क्षति हो रही है और वातावरण में प्रदूषण फ़ैल रहा है। कई दिनों से नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। वायुसेना का हेलीकॉप्टर भीमताल झील से लगभग 60 हजार लीटर पानी भर कर जंगलों को आग को शांत करने के लिये रवाना हुआ।

इससे पहले भी इस प्रकार की स्थिति साल 2019 और 2021 बनी थी। राज्य सरकार ने उस समय भी वायुसेना की मदद ली थी और जंगलों में लगी आग पर एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से काबू पाया गया था।

वन विभाग के अधिकारियों ने तीन लोगों को जंगलों में आग लगाते हुए पकड़ा है। भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत उन पर वन अपराध में मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया है।

जंगल में आग लगाने वालों को पकड़ने के लिए वनाग्नि सुरक्षा दल का गठन रुद्रप्रयाग प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में किया गया। जखोली तहसील के तडियाल गाँव से इस अपराध में संलिप्त आरोपी नरेश भट्ट को पकड़ा गया है,जिसे जंगल में आग लगाते हुए देखा गया था। आरोपी ने बताया कि उसने जंगल में आग बकरियों की घास के लिए लगाई। वहीं बाकी के दो अपराधियों हेमन्त सिंह और भगवती लाल को उत्तरी जखोली के डंगवाल गाँव में जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं पर हल्द्वानी के वन अधिकारियों के साथ बैठक कर,प्रदेश में इस प्रकार की बढ़ती हुई घटनाओं पर काबू पाए जाने को लेकर चर्चा की करेंगे।

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