प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@BJP4India)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घाना संसद में ऐतिहासिक संबोधन,भारत की उपलब्धियाँ,अफ्रीका से साझेदारी और वैश्विक नेतृत्व का संकल्प

अकरा,4 जुलाई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद में ऐतिहासिक संबोधन करते हुए भारत की विकास यात्रा,वैश्विक नेतृत्व में उसकी भूमिका और अफ्रीका के साथ मजबूत होते संबंधों की गाथा सुनाई। यह पहला मौका था,जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को संबोधित किया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने बीते एक दशक में भारत में हुए व्यापक बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत की आर्थिक प्रगति से की। उन्होंने कहा, “आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था है। स्थिर राजनीति और सुशासन की नींव पर भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

उन्होंने बताया कि भारत इस समय वैश्विक आर्थिक वृद्धि में करीब 16 प्रतिशत योगदान दे रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनता जा रहा है।

मोदी ने कहा कि भारत को अपनी जनसंख्या से ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ यानी जनसांख्यिकीय लाभ मिल रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत अब एक टैलेंट,टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब बन चुका है।

“भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। भारत एक इनोवेशन और टेक्नोलॉजी सेंटर है, जहाँ वैश्विक कंपनियाँ आना चाहती हैं।”

आगे उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की फार्मेसी बन चुका है और कोविड काल के दौरान जिस तरह भारत ने वैक्सीन मैत्री के तहत अनेक देशों को सहायता दी,वह उसकी मानवीय नेतृत्व शैली का प्रमाण है।

पीएम मोदी ने भारत की महिलाओं के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आज भारतीय महिलाएँ विज्ञान,अंतरिक्ष,विमानन और खेल जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। भारत चंद्रमा पर पहुँच गया है और अब मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए भी तैयार है।”

यह बयान भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति को दर्शाता है,जहां अब भारत केवल अंतरिक्ष मिशनों में भागीदार नहीं,बल्कि नेतृत्वकारी भूमिका में आ चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दीर्घकालिक लक्ष्य को साझा करते हुए कहा कि देश ने 2047 तक खुद को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है, जब भारत अपनी आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा।

उन्होंने कहा, “भारत के लोग इस संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और यह एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है। यह हमारे युवाओं,उद्यमियों और किसानों की ताकत का प्रतीक है।”

पीएम मोदी ने अफ्रीकी देशों के साथ भारत के गहरे रिश्तों को रेखांकित किया और घाना की विशेष भूमिका पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज अफ्रीका के विभिन्न देशों में भारत की 200 से अधिक परियोजनाएँ चल रही हैं,जो कनेक्टिविटी, बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक विकास को गति दे रही हैं।

“घाना में हमने पिछले साल टेमा-मपाकादान रेल लाइन का उद्घाटन किया था,जो अफ्रीका के इस हिस्से की सबसे बड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में से एक है।”

उन्होंने बताया कि भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन हर वर्ष नए अवसरों को जन्म देता है और भारत इस दिशा में निरंतर सहयोग बढ़ा रहा है।

पीएम मोदी ने अफ्रीका के युवाओं और आईटी सेक्टर में भारत की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा,“घाना में आईटी और इनोवेशन सेंटर की अपार संभावनाएँ हैं। भारत इस दिशा में हर संभव सहायता देने को तैयार है। हम मिलकर भविष्य को आकार देंगे,जो आशा,नवाचार और प्रगति से भरा होगा।”

घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। इस सम्मान के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति महामा और घाना की जनता का आभार जताया और इसे “भारत के लिए गर्व की बात” बताया।

प्रधानमंत्री मोदी का घाना में दिया गया संबोधन न केवल भारत की आर्थिक,वैज्ञानिक और सामाजिक उपलब्धियों का प्रदर्शन था,बल्कि यह एक वैश्विक साझेदारी के नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी था। भारत,जो एक समय विकासशील देशों की पंक्ति में खड़ा था,अब दुनिया को नेतृत्व देने की स्थिति में आ चुका है।

उनका यह दौरा घाना और अफ्रीका के अन्य देशों के साथ भारत के रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सशक्त करेगा। साथ ही,यह संदेश देगा कि भारत अब विश्व मंच पर सिर्फ सहभागी नहीं,बल्कि नेतृत्वकर्ता की भूमिका में है।